

यदि हम ऐसा करने में समक्ष होते हैं तो कोरोना की कमर को पूरी तरह तोड़ देंगे। एक दिन लॉक डाउन के लिए पर्याप्त नहीं है। वर्तमान में कोरोना की स्टेज थ्री शुरू हो गई है जो कम्युनिटी तक पहुंची है। इसका विस्तार हुआ तो परिणाम भयावह होंगे, इसको हमें देखना होगा।’
यूआईपीएस विभाग के प्रो. भूप ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि कोरोना का प्रभाव इंडिया में देरी से आया। हम सौभाग्यशाली रहे और पहले ही तमाम तैयारियां कर लीं। यही कारण रहा कि कोरोना के केसों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी अधिक नहीं हो पाई, लेकिन अब इंडिया में कोरोना की स्टेज थ्री शुरू हो गई है। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू है। इसका समय सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक है।
इसके लिए 14 घंटे हैं लेकिन लोगों की आवाजाही 21 मार्च की रात से ही बंद होगी जो 23 की सुबह तक रहेगी। ऐसे में कुल 36 घंटे मिलेंगे। इस 36 घंटे के कर्फ्यू से कोरोना काफी हद तक हारेगा, लेकिन आगे यह नहीं बढ़े, इसके लिए लॉक डाउन जरूरी है। चीन के वुहान शहर में कोरोना एक सप्ताह के लॉक डाउन से ही काबू में आया था। उन्होंने सरकार से कहा है कि इस पर जल्द से जल्द निर्णय लें। कई अन्य बड़े वैज्ञानिकों ने भी लॉक डाउन के दिन बढ़ाने की मांग की है।
प्रो. भूप ने सात साल तक एचआईवी की दवा लोपिनाविर, रिटोनाविर, डरुनाविर, ऐसीक्लोविर को नैनो फॉर्मूले से इतना प्रभावी बना दिया कि उसका प्रभाव मरीज में कई गुना अधिक हो गया। साथ ही उसकी गुणवत्ता को बढ़ाने पर भी काम किया। आज यही दवाएं कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को चिकित्सक दे रहे हैं। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों का प्रयोग भी सफल रहा है। फिलहाल कोरोना की कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है, इसलिए एंटी वायरल दवाएं चिकित्सक प्रयोग कर रहे हैं। मालूम हो कि प्रो. भूप ने दिमागी मलेरिया, एल्जाइमर समेत कई बीमारियों की रोकथाम के लिए दवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया। नैनो विधि से कई फॉर्मूले तैयार किए हैं।
प्रो. भूप का फार्मा इंडस्ट्री को बचाने में बड़ा योगदान
पीजीआई ने री पोजिशन टेस्टिंग के लिए दवा मंत्रालय को भेजी
पीजीआई की ओर से कोरोना के इलाज को बनाई गई दवा को स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया है। पीजीआई के प्रो. बिकास मेदी ने बताया कि मंत्रालय को री पोजिशन टेस्टिंग के लिए दवाएं भेजी गई हैं। साथ हम भी इस पर काम कर रहे हैं और टेस्टिंग भी इस पर सरकार जल्द कर देगी, क्योंकि इस समय स्थिति अलग है।