भंडारे लगाने के लिए पांच साल की वेटिंग

शिमला। भगवान के प्रति अटूट श्रद्धा और आस्था का ही परिणाम है कि श्रद्धालु मंदिर में भंडारा लगाने के लिए सवा साल से पांच साल तक इंतजार करने को भी तैयार हैं। मन्नत पूरी होने या फिर सालाना कमाई का दशांश धार्मिक कार्य में खर्च करने के लिए लोग भंडारा देने को अधिमान दे रहे हैं। राजधानी शिमला के मंदिरों में कुछ ऐसी ही स्थिति है। प्रसिद्ध तारादेवी माता मंदिर में रविवार के दिन भंडारे के लिए पांच साल की एडवांस बुकिंग चल रही है। इतना ही नहीं, तारादेवी मंदिर में लगने वाले मंगलवार के भंडारे के लिए भी तीन साल की वेटिंग है। संकट मोचन मंदिर में रविवार के दिन लगने वाले भंडारे के लिए करीब सवा साल की एडवांस बुकिंग है। जाखू मंदिर में इस साल अगस्त तक श्रद्धालु रविवार के भंडारे की बुकिंग करवा चुके हैं।

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मंदिर एडवांस बुकिंग औसतन खर्च
तारादेवी मंदिर 2018 40 से 50 हजार (मेन्यू पर आधारित)
संकट मोचन 2014 40 से 50 हजार (मेन्यू पर आधारित)
जाखू मंदिर 2013 (अगस्त) 35 से 40 हजार (मेन्यू पर आधारित)

दशांश दान करने की मान्यता : शास्त्री
‘हिंदू धर्म में कमाई को ईश्वर की देन माना गया है। साल भर की कमाई का दसवां हिस्सा धार्मिक कार्यों में खर्च करने की मान्यता है। मंदिरों में भंडारे, मंदिर निर्माण में सहयोग, गरीबों को दान आदि के रूप में लोग दशांश खर्च करते हैं।’
– आचार्य सीताराम शास्त्री

तीसरी बार भंडारा करवा रहे हैं : जिंदल
रायल इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेकनोलाजी गोहाना (पानीपत) के वाइस चेयरमैन ललित जिंदल संकट मोचन में तीसरी बार भंडारा करवा रहे हैं। जिंदल ने बताया कि हर साल वे संकटमोचन मंदिर में भंडारा करवाते हैं। भगवान के प्रति आस्था है और बिन मांगे ही भगवान सब देते हैं। मंदिर में आत्मिक शांति मिलती है।

चार फीट बर्फ में भी लगा भंडारा
राजधानी के जाखू मंदिर में इस साल जनवरी में भारी हिमपात के बावजूद भंडारा लगाया गया। मंदिर के प्रबंधक मदन शर्मा ने बताया कि करीब चार फीट बर्फबारी के बावजूद शहर के सैकड़ों लोगों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।

रविवार को भंडारे में पहुंचते हैं आठ हजार लोग
संकट मोचन मंदिर में रविवार को भंडारे में खूब भीड़ रहती है। शहर के लोग और सैलानी भंडारा ग्रहण करने पहुंचते हैं। मंदिर के कार्यालय प्रभारी अनूप ने बताया कि रविवार को भंडारे में करीब आठ हजार लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं।

2008 में बुकिंग वालों का अब आ रहा नंबर
तारादेवी मंदिर में भंडारा देने के इच्छुक लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। तारादेवी मंदिर के ट्रस्टी दिनेश ठाकुर ने बताया कि 2008 में भंडारे के लिए बुकिंग करवा चुके लोगों के नंबर इन दिनों आ रहे हैं, और लोग भंडारे दे रहे हैं।

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