
काईस (कुल्लू)। ब्यास की मैली होती जलधारा पर जिला प्रशासन को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। ब्यास नदी की स्वच्छता को लेकर प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट ने तलब की है। रिपोर्ट तीन माह के भीतर देने को कहा है। हाईकोर्ट के आदेश मिलने की पुष्टि डीसी शरभ नेगी ने की है। ब्यास नदी में बढ़ते प्रदूषण पर उच्च न्यायालय की सख्ती आम लोगों के हित में है। सीवरेज का कनेक्शन हर घर में लगाने के भी कोर्ट ने निर्देश दे रखे हैं। नोटिस मिलने के बाद भी यदि कोई कनेक्शन नहीं लगाए तो उन्हें कई सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने डीसी कुल्लू से गत वर्ष 14 सितंबर तक इस बाबत रिपोर्ट मांगी थी लेकिन उस समय पाइपें नहीं बिछाई गई थी।
डीसी ने इस संबंध में हाईकोर्ट से रिपोर्ट देने के लिए समय मांगा था। हाईकोर्ट ने अब जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर तीन माह के भीतर रिपोर्ट नहीं भेजी तो सख्त कार्रवाई होगी। डीसी कुल्लू को बाकायदा ऐसे स्थलों के लिए नगर परिषद के साथ निरीक्षण करना होगा और सफाई भी करवानी होगी। न्यायालय ने कहा है कि सीवरेज सीधा ब्यास नदी में नहीं जाना चाहिए। इसके लिए नगर परिषद और पंचायतों को सभी गृह मालिकों को नोटिस भेजकर सीवरेज कनेक्शन लेने के लिए कहा है। यदि कनेक्शन नहीं लेते हैं तो ऐसे लोगों को बिजली और पानी जैसी सुविधा से वंचित किया जाएगा। हिमालयन पर्यावरण सोसाइटी के अध्यक्ष अभिषेक राय ने हाईकोर्ट के आदेशों की सराहना की है। कहा कि इस आदेश के बाद ब्यास नदी में प्रदूषण की मात्रा घट जाएगी।
जल्द भेजी जाएगी रिपोर्ट
डीसी शरभ नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों की पालना की जा रही है। ब्यास नदी के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रशासन तत्पर है। तीन महीने की भीतर रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजी जाएगी।