
इस्लामाबाद: बेनजीर भुट्टों की हत्या के आज पांच बरस बाद अब भी उनकी हत्या के मुकदमे के फैसलें का कोई अता पता नहीं है तथा इस देरी को लेकर आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी है। बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 की हत्या के लगभग दो माह बाद 29 फरवरी 2008 को मुकदमें की र्कारवाई शुरु हो गयी। इस दौरान पांच न्यायाधीश बदले गये। दो अलग जांच दल गठित किये गये लेकिन मुकदमा अब भी चल ही रहा है।
इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ सहित अभी तक आठ लोगों के खिलाफ चालान जारी किये जा चुके है। हैरानी की बात है कि हत्या के एक माह के अंदर ही एतजाज शाह तथा शेरजमा नामक दो व्यक्तियों के खिलाफ हत्या में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में चालान जारी किये गये। यह चालान पंजाब सरकार की तरफ से जारी किया गया जिसने कि इस मामले की जांच के लिये संयुक्त जांच टीम का गठन किया था लेकिन मामले की सुनवाई खिंचती चली जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में इस्तगासा ने 132 गवाहों के नाम दिये लेकिन अभी तक मात्र 15 लोगों की ही गवाही ली जा सकी है। गौरतलब है कि बेनजीर भुट्टो का 27 दिसंबर 2007 को जनवरी 2008 में होने वाले संसदीय चुनावों से ठीक पहले रावलपिंडी में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की एक रैली से निकलते वक्त आत्मघाती हमलावर ने बम विस्फोट से हत्या कर दी थी।