

परिषद ने कहा कि इस मामले में ‘फोर्स मेजर’ का प्रावधान लागू नहीं होगा। यह ऐसा प्रावधान होता है, जब प्राकृतिक आपदा, दंगे, महामारी या युद्ध जैसी अप्रत्याशित स्थितियों में बीमा कंपनियां क्लेम खारिज कर देती हैं।
परिषद ने यह बयान उन ग्राहकों को भरोसा दिलाने के लिए जारी किया है, जिन्होंने इस संबंध में जीवन बीमा कंपनियों से सफाई मांगी थी और अफवाहों को दूर करने को कहा था। इसके बाद सभी बीमा कंपनियों ने इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से अपने ग्राहकों को सूचित किया है।
जीवन बीमा हर घर की बुनियादी जरूरत
परिषद के महासचिव एसएन भट्टाचार्य ने कहा, कोविड-19 के वैश्विक और स्थानीय स्तर पर बढ़ते प्रकोप से जीवन बीमा हर घर की बुनियादी जरूरत बन गई है। जीवन बीमा उद्योग यह सुनिश्चित करने को हर उपाय कर रहा है कि लॉकडाउन से बीमाधारकों को परेशानी न हो।
उन्हें डिजिटल माध्यमों से निर्बाध सहायता मिले, फिर चाहें वह कोविड-19 से जुड़े मौत के दावों का निपटान हो या बीमा संबंधी दूसरी सेवा। कठिन समय में जीवन बीमा कंपनियां ग्राहकों के साथ हैं। उन्हें अफवाहों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।