
बद्दी (सोलन)। हिंद मजदूर सभा की बैठक में बीबीएन में हो रही श्रम कानूनों की अनदेखी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष मेला राम चंदेल ने बताया कि बीबीएन में 70 फीसदी रोजगार देने की सरकार की घोषणा मात्र कागजों में चल रही है। स्थानीय युवा बेराजगारी में नशे की चपेट में आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं को बाहरी राज्यों की तुलना में उद्योगों में कम तरजीह दी जाती है। वेतन के मामले में भी एक समान योग्यता रखने वाले स्थानीय युवाओं की अनदेखी होती है। उद्योगों में भेदभाव पूर्ण रवैये से स्थानीय युवा काफी क्षुब्ध हैं तथा उद्योगों में काम करने के बजाय घर ही बैठ रहे हैं। अगर सरकार ने शीघ्र ही इस संबंध में कोई क दम नहीं उठाया तो आने वाले समय में यह गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी।
जिला अध्यक्ष रणजीत ठाकुर ने कहा कि बीबीएन में कार्यरत कुछ कर्मचारी नेता अपने कम होते अस्तित्व के चलते हिंद मजदूर सभा को लेकर अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। इसका हिंद मजदूर सभा विरोध करती है। अगर समय रहते इन नेताओं ने बयानबाजी बंद नहीं की तो उन्हें मजबूर आंदोलन का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। जिला महासचिव राजू भारद्वाज, बद्दी प्रिंट पैक के प्रधान रविंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 1948 में डा. राम मनोहर लोहिया ने हिंद मजदूर सभा का गठन किया था । उसके बाद वर्ष 1955 में ही हिंद मजदूर सभा ने भारतीय मजदूर संघ को तैयार किया था। इसलिए मजदूर नेताओं को अपनी हद में रह कर ही बयानबाजी करनी चाहिए। बैठक में सभा के कार्यकारी अध्यक्ष देशराज, उपाध्यक्ष गुरमुख सिंह, गुरदास चंदेल, सुच्चा सिंह फौजी ने भी भाग लिया।
क्या कहना है श्रम विभाग का
श्रम अधिकारी मनीष करोल ने बताया कि विभाग की ओर से समय-समय पर उद्योगों का निरीक्षण कर वहां पर 70 फीसदी की शर्त की जांच की जाती है। जहां पर हिमाचली कम पाए जाते हैं उन्हेें शीघ्र भर्ती करने के आदेश दिए जाते हैं।