
केलांग/काजा। जनजातीय क्षेत्रों की सुविधा के लिए सरकार की तरफ से शुरू की गई हेलीकाप्टर सेवा अब मनमानी के चलते लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। शुक्रवार को भुंतर एयरपोर्ट पर उड़ान समिति प्रभारियों के साथ हुए विवाद के बाद शनिवार को भी पायलटों की हरकत से लोग परेशान दिखे। ताजा घटनाक्रम में भुंतर एयरपोर्ट से काजा-लोसर के लिए हुई संयुक्त उड़ान के दौरान हेलीकाप्टर के पायलट काजा हेलीपेड से यात्रियों को बिठाए बिना ही वापस लौट आए। हेलीपेड पर मौजूद एडीसी काजा हिमेस नेगी भी पायलटों की इस हरकत पर हैरानी जताई है। उन्होंने इसकी वजह जाननी चाही तो पायलटों की ओर से कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाया। वहां से टेक ऑफ करने के बाद हेलीकाप्टर ने लोसर हेलीपेड से 11 यात्रियों को जरूर लिफ्ट किया।
एडीसी काजा हिमेस नेगी ने काजा हेलीपेड से बिना यात्रियों को लिफ्ट किए बगैर हेलीकाप्टर के फुर होने की पुष्टि की है। वहीं पायलटों के इस रुख से सत्ता पक्ष कांग्रेस ने भी पायलटों के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए हैं। राजीव गांधी पंचायतीराज संस्थान के प्रदेश सह संयोजक सोहन सिंह ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वीसी फारका से की है। शिकायत में उन्होंने लिखा है कि बर्फबारी के कारण स्पीति घाटी में कई स्कूली बच्चे फंसे हैं। राहत के लिए प्रदेश सरकार ने शनिवार को लोसर और काजा हेलीपेडों के लिए उड़ानों की व्यवस्था की थी लेकिन पायलटों की मनमर्जी ने सरकार के इस प्रयास पर पानी फेर दिया। सोहन सिंह ने प्रदेश सरकार से पायलटों की इस मनमर्जी पर तुरंत रोक लगाने की मांग उठाई है। कहा कि इस उड़ान के जरिये कुछ ऐसे बच्चों ने कुल्लू जाना था जिनकी पांच मार्च से परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें भी लिफ्ट नहीं किया गया। इन बच्चों को एक साल बर्बाद हो गया है।