

पार्टी मुख्यालय में मंगलवार को बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में सुखबीर बादल ने कहा कि इसके बाद घटी कई घटनाओं ने इस साजिश में कांग्रेस का हाथ होने का पुख्ता सबूत दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य चश्मदीद गवाह सुरजीत सिंह के बयान ने कांग्रेस सरकार को परेशान कर दिया था, क्योंकि कांग्रेस जान गई थी कि पैरों के निशान उसके घर तक आएंगे।
यही कारण है कि उन्होंने मुख्य गवाह पर बयान बदलने के लिए दबाव डाला और सबूत मिटाने की कोशिश की। इसके चलते मुख्य गवाह की रहस्यमयी हालात में मौत हो गई। बादल ने आरोप लगाया कि मुख्य गवाहों को सच बोलने से रोकने के लिए उन पर दबाव डालने का काम गुरप्रीत सिंह कांगड़ और कुशलदीप सिंह ढिल्लों को सौंपा गया था। बादल ने कहा कि दिवंगत मुख्य गवाह की पत्नी जसबीर कौर की ओर से दिए बयान ने कांग्रेस का पर्दाफाश कर दिया है।
सुखबीर ने कैप्टन से पूछे पांच सवाल
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार द्वारा शुरू किया कोई एक विकास कार्य या समाज कल्याण योजना का नाम बताएं? बीते तीन वर्षों में मुख्यमंत्री कितने घंटे अपने कार्यालय में गए या कितने घंटे या कितने पंजाब के दौरे पर गए? तीन इन वर्षों में मुख्यमंत्री कितनी बार परमात्मा का आशीर्वाद लेने श्री हरमंदिर साहिब, दुर्ग्याणा मंदिर या अन्य धार्मिक स्थान पर गए?
सीएम को तीन साल के लिए क्या बधाई दें: सुखबीर
सुखबीर बादल ने कहा कि जो मुख्यमंत्री तीन साल के कार्यकाल में कभी अपने ऑफिस नहीं गया हो, कभी अपने राज्य के दौरे पर नहीं गया हो और न कोई नया विकास कार्य शुरू किया हो, उस मुख्यमंत्री को तीन साल के कार्यकाल के लिए वे क्या बधाई दें? उन्होंने कहा कि तीन साल वह समय रहा जब मुख्यमंत्री ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम की सौगंध खाकर झूठ बोला और पंजाब के किसानों, युवाओं, दलितों और अन्य लोगों को धोखा दिया।
सोचने-समझने की शक्ति खो बैठे सुखबीर: कैप्टन
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के आरोपों को ‘हताशा भरा झूठ’ करार देते हुए कहा है कि सुखबीर बादल राजनीतिक सुर्खियां बटोरने के प्रयासों में सोचने-समझने की शक्ति खो बैठे हैं। मंगलवार को जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा पंजाब जानता है कि शिअद प्रमुख कैसे व्यक्ति हैं और प्रदेश के लोग खासतौर पर उन्हें और उनकी पार्टी को रिजेक्ट कर चुके हैं।
अपनी नाकामी को उनका अहंकार हजम नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ सुखबीर के ताजा तेवर ने निराशा की उस गहरी भावना को दर्शाया है, जिससे वह पीड़ित हैं। कैप्टन ने कहा कि बरगाड़ी और बेअदबी के अन्य मामलों से जनता का ध्यान हटाने के अपने हताश प्रयासों के साथ सुखबीर स्पष्ट तौर पर इस कठोर वास्तविकता से जूझ रहे हैं कि उनके अपराध अब उन पर शिकंजा कस रहे हैं।
कैप्टन ने कहा कि क्या सुखबीर यह भूल गए कि जब पंजाब में पवित्र ग्रंथों के को फाड़ा और जलाया गया, तब वह और उनका परिवार सरकार चला रहे थे। वह यह भी भूल गए कि जब वह राज्य के गृह मंत्री थे, तब निर्दोष लोगों पर बहिबल कलां और कोटकपुरा में गोली चलाई गई। उन्होंने कहा कि भले ही वह इस सच्चाई को नजरअंदाज करना चाहते हों लेकिन पंजाब के लोग अकाली-भाजपा सरकार की नाक तले जो कुछ हुआ, उसे न तो भूलेंगे और न ही उन्हें और उनकी पार्टी को माफ करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि असलियत यह है कि जब प्रदेश सरकार की तीन साल की उपलब्धियों का ब्योरा सामने आया तो सुखबीर ने सरकार के खिलाफ अपने शातिर झूठे प्रचार के लिए ठीक अगला ही दिन चुना, जो अकाली नेता की असुरक्षा की भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सुखबीर जानते हैं कि वह और उनकी पार्टी का अब राज्य में कोई राजनीतिक आधार नहीं रह गया है।
10 साल में 10 फीसदी काम भी नहीं किए अकाली सरकार ने: कैप्टन
कैप्टन ने सुखबीर बादल के आरोपों पर कहा कि आपकी सरकार दस साल में अपने वादों का 10 फीसदी भी काम नहीं कर सकी, जबकि हमने मात्र 3 साल में अपने वादों को 75 फीसदी से ज्यादा पूरा या कुछ हद तक पूरा किया है। कैप्टन ने कहा कि उनके पास अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में व्यक्तिगत तौर पर सारा ब्योरा और डाटा है, जबकि अकाली एक दशक के अपने राज में एक भी बड़ा काम बताने में नाकाम रहे हैं।
कैप्टन ने सुखबीर द्वारा उन पर कार्यालय में नहीं बैठने के लगाए आरोप पर कहा कि पंजाब की जनता को इस बात से कुछ लेना-देना नहीं है कि सरकार कहां से चल रही है। सब लोग धरातल पर काम होते देखने में रुचि रखते हैं, यही कारण है कि लोगों ने चुनाव-दर-चुनाव कांग्रेस में भरोसा जताया है।