बागबानों पर कहर बनकर बरसे ओले

कोटखाई (शिमला)। बुधवार देर शाम कोटखाई में हुई भारी ओलावृष्टि बागवानी के लिए कहर बन कर बरसी। करीब आधे घंटे तक हुई इस ओलावृष्टि से सेब और प्लम की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। आलम यह रहा कि जमीन पर करीब ओलों की दो इंच तक मोटी परत जम गई।
बुधवार की कोटखाई के बागवानों के लिए किसी आफत से कम नहीं थी। शाम छह बजे शुरू हुई ओलावृष्टि ने बागवानों के भविष्य के सपनों पर लगभग पानी फेर दिया है। ओलावृष्टि इस कदर हुई कि सेब और प्लम के पौधों से पत्तों सहित फूल भी जमीन कर गिर गए। हालांकि, अभी तक नुकसान के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। इधर, बागवानों में महेंद्र चौहान, अनिल, केशव चौहान, राज पाल, राजेश चौहान सहित अन्य बागवानों का कहना है कि ओलावृष्टि से सेब और प्लम के पौधों को भारी नुकसान पहुंचा है। बागवानों का कहना है कि ओलावृष्टि से पौधों के पत्तों सहित फूलों को भारी नुकसान हुआ है। बागवानों का कहना है कि करीब आधा घंटे तक हुई ओलावृष्टि की करीब दो इंच मोटी परत जमीन पर जम गई है। इससे पहले भी क्षेत्र के बागी क्षेत्र में जमकर ओलावृष्टि हुई है, जिससे बागवानों को भारी नुकसान हुआ था। अब निचले क्षेत्रों में रही सही कसर को बुधवार को ओलावृष्टि ने पूरा कर दिया है।

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