धर्मशाला। मानसून के समय से पहले सक्रिय होने से बरसात ने लगभग दस्तक दे दी है, लेकिन लोक निर्माण विभाग की बारिश से होने वाली संभावित तबाही से निपटने की कोई विशेष तैयारी नहीं है। लोनिवि इस बार भी पिछले वर्ष के इंतजाम पर ही निर्भर है, जबकि पिछले वर्ष भी बरसात के मौसम में हुई मूसलाधार बारिश के चलते जिला कांगड़ा में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। जिसकी भरपाई अभी तक नहीं हो पाई है। वहीं, जिला कांगड़ा में सड़कों की हालत भी कुछ खास बेहतर नहीं है। विभाग ने बरसात के मौसम के शुरू होने से पहले 300 किमी सड़क की टारिंग करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन अभी तक यह भी पूरा नहीं हो पाया है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि बरसात के मौसम से पहले इन सड़कों की टारिंग न होने पर उनकी हालत किस हद तक बिगड़ जाएगी। वहीं पिछले साल बरसात के मौसम में ढहे डंगों का निर्माण कार्य भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। धर्मशाला में ही शिक्षा बोर्ड कार्यालय से नीचे ढहे दो डंगों का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जबकि एक डंगा तो पिछले दो सालों से टूटा पड़ा है। वहीं, बरसात आने से पहले इन डंगों का निर्माण न होने की सूरत में आसपास स्थित घरों पर भी खतरे के बादल मंडराने वाले हैं। जिले में इस तरह के कई निर्माणाधीन कार्य लटके हुए हैं, जो लोगों के लिए बरसात में आफत लाने के लिए तैयार हैं। वहीं विभाग के गुणवत्ता अभियंता इंजीनियर एके परवान का कहना है कि निर्माण कार्य चले हुए हैं। बरसात शुरू होने से पहले कार्यों को पूरा करने का प्रयास जारी है।
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आपदा से निपटने को तैयार : चौधरी
लोक निर्माण विभाग के कांगड़ा क्षेत्र के मुख्य अभियंता आरएस चौधरी का कहना है कि विभाग बरसात के मौसम में होने वाली आपदा से निपटने को तैयार है, जबकि इस मर्तबा भी पिछले सीजन की तरह ही इंतजामात रहेंगे। इसके अलावा कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं। वहीं उन्होंने बताया कि क्षेत्र में अभी 300 किमी सड़कों की टारिंग का कार्य चल रहा है।