बजट 2025 : केंद्र ने हिमाचल को नहीं दी कोई अतिरिक्त राहत, भाजपा के सांसद केंद्र के सामने प्रदेश के हितो को उठाने में विफल

बजट 2025 : केंद्र ने हिमाचल को नहीं दी कोई अतिरिक्त राहत, भाजपा के सांसद केंद्र के सामने प्रदेश के हितो को उठाने में विफल

हिमाचल की जनता ने पीएम मोदी को केंद्र में मजबूत करने के लिए जिन भाजपा सांसदों को चुनकर भेजा वो मोदी सरकार के सामने नहीं उठा सके हिमाचल को विशेष पैकेज देने का मामला । पूरा देश जनता है कि हिमाचल में कितनी भयानक prakrtik आपदा आई थी । दस हजार करोड़ से ऊपर का नुकसान एक ही झटके में हुआ । इसके अतिरिक्त भी प्रदेश में कई आर्थिक संकट आते रहे भाषणों में पीएम मोदी हमेशा हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते है । मगर यहाँ हिमाचल को लेकर उनके दोगलेपन कि पोल खुल गई है । प्रदेश कि जनता को पीएम मोदी और भाजपा सांसदों ने निराश कर दिया है । केंद्रीय आम बजट 2025-26 में हिमाचल के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन नए टैक्स स्लैब समेत विभिन्न योजनाओं का प्रदेश के लोगों को भी लाभ मिलेगा। बारह लाख तक सालाना आय को करमुक्त करने और वेतनभोगियों के लिए यह सीमा 12.75 लाख तक होने से हिमाचल के लाखों करदाताओं को बड़ी राहत मिली है। हिमाचल में साढ़े छह लाख करदाता हैं। इनमें से इस स्लैब में आने वाले करीब तीन लाख लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

किसान क्रेडिट कार्ड पर अब तीन लाख के बजाय पांच लाख रुपये तक सस्ता ऋण पर मिलेगा। हिमाचल में लाखों किसान-बागवान किसान क्रेडिट कार्ड धारक हैं। आम बजट में बुद्ध से जुड़े 50 स्थलों को विकसित करने की घोषणा की गई है। हिमाचल में लाहौल- स्पीति स्थित कीह गोंपा, दलाई लामा की निवास स्थली मैक्लोडगंज, धर्मशाला समेत अन्य बौद्ध मठों को इसका लाभ मिल सकता है। देश के 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित करने की भी घोषणा की गई है। पर्यटन राज्य होने के नाते हिमाचल को इसका लाभ मिल सकता है।

हालांकि, प्रदेश सरकार ने केंद्र से कई मांगें बजट में शामिल करने के लिए भेजी थीं। इसमें साल 2023 में राज्य में बाढ़ और बादल फटने के रूप में आई आपदा के लिए लंबित राहत पैकेज जारी करने की मांग प्रमुख थी। सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग हिमाचल लंबे समय से कर रहा है। बजट में तमाम मांगों पर भी राज्य को निराशा मिली है। 

होम स्टे, उड़ान योजना का भी मिल सकता है फायदा

होम स्टे के लिए मुद्रा लोन देने की घोषणा हुई है। स्वाभाविक रूप से इसका भी राज्य को फायदा होगा। हिमाचल में होम स्टे योजना के तहत पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हंै। उड़ान योजना में नई कनेक्टिविटी देने की भी बजट में घोषणा की गई है। हिमाचल में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने में इसका लाभ हो सकता है। सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर बनेंगे तो इसका भी प्रदेश को स्वाभाविक रूप से फायदा होने वाला है। कैंसर के रोगियों की दवाएं सस्ती होने से भी राहत मिलेगी।
बजट बिहार पर केंद्रित, हिमाचल को किया नजरअंदाज : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय बजट पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह असमानता को प्रदर्शित कर रहा है। बजट का बड़ा हिस्सा बिहार पर केंद्रित है। बजट में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दिया। हिमाचल की आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट बेरोजगारी, गरीबी और बढ़ती महंगाई को संबोधित करने की दिशा में असफल रहा है। हिमाचल की मुख्य आर्थिकी सेब बागवानी है, लेकिन बजट में सेब के आयात शुल्क में वृद्धि करने के लिए कुछ नहीं किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बजट में प्रदेश में रेल विस्तार जैसे महत्वपूर्ण मामले के संबंध में भी उल्लेख नहीं है।

राज्य के आर्थिक विकास के लिए रेल विस्तार आवश्यक है, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। राज्यों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण की 1.5 लाख करोड़ की सीमा में बढ़ोतरी नहीं की गई और हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए इससे संबंधित कठिन शर्तें सही नहीं हैं। जीएसटी क्षतिपूर्ति को समाप्त करने के परिणामस्वरूप हिमाचल मुश्किल वित्तीय स्थिति को झेल रहा है। वित्तीय घाटे को कम करने और प्रदेश की राजकोषीय स्थिरता के लिए विशेष पैकेज की आवश्यकता है। आयकर छूट के रूप में मध्यम वर्ग को मिलने वाले लाभ में विलंब हुआ है। यह गरीब विरोधी और अवसरवादी बजट है। कृषि क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य, आधुनिक कृषि पद्धति और बुनियादी ढांचे के लिए कोई भी उपाय नहीं है। बजट में आम लोगों की तुलना में संपन्न वर्ग को प्राथमिकता दी है।

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