बंदर नसबंदी केंद्र को मिले डाक्टर-फार्मासिस्ट

चंबा। जिला के लोगों को उत्पाती बंदरों से शीघ्र निजात मिलने वाली है। जिला मुख्यालय के साथ लगते सरोल में बंदर नसबंदी केंद्र बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। इस भवन के निर्माण पर लगभग 75 लाख की राशि खर्च की गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बंदरों की नसबंदी का काम जल्द शुरू होने वाला है। बंदर नसबंदी केंद्र में एक चिकित्सक और एक फार्मासिस्ट की नियुक्त हो गई है। इसके अलावा और स्टाफ की भी जल्द तैनाती कर दी जाएगी। नसबंदी कें द्र भवन का निर्माण कार्य बहुत पहले हो चुका था। इसके अलावा केंद्र में मशीनरी भी पहुंच चुकी थी, लेकिन लंबे समय से स्टाफ की तैनाती नहीं हो पा रही थी। इस कारण बंदर नसबंदी का कार्य शुरू नहीं हो पाया था। अब बंदर नसबंदी केंद्र में स्टाफ की तैनाती हो गई है और केंद्र का संचालन जल्द हो जाएगा। गौर रहे कि जिला में उत्पाती बंदर हर वर्ष किसानों की हजारों रुपए की फसल तबाह कर देते हैं। सरकार की ओर से किसानों को बंदरों से निजात दिलाने के लिए प्रदेश में बंदरों की नसबंदी की मुहिम चलाई है। इसी के चलते जिला में भी बंदरों की नसबंदी की जाएगी। इसके लिए वन विभाग की टीम बंदरों को पकड़कर नसबंदी केंद्र भेजेगी। स्थानीय लोगों को भी बंदर पकड़ने के लिए सरकार की ओर से 500 रुपए प्रदान किए जाते हैं। नसबंदी केंद्र के संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ राकेश कुमार ने बताया कि बंदर नसबंदी कें द्र में एक चिकित्सक व एक फार्मासिस्ट की तैनाती हो चुकी है। जल्द नसबंदी केंद्र का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

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