शिमला
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मानव भारती यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी डिग्रियां बेचने के मामले में विधानसभा में जवाब देते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर 2012 से ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाती हो अब तक आरोपी राजकुमार राणा को सजा मिल चुकी होती।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मानव भारती यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी डिग्रियां बेचने के मामले में विधानसभा में जवाब देते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर 2012 से ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाती हो अब तक आरोपी राजकुमार राणा को सजा मिल चुकी होती। यह मामला 2016 में सामने आया जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी उस समय प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन ने भी कहा था कि मानव भारती यूनिवर्सिटी में उसे फर्जी कोर्स चल रहे हैं और फर्जी डिग्रियों का मामला भी सामने आया।
16 जनवरी 2020 को यह मामला प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमिशन को भेजा गया था। इसके बाद मामले में तीन एफआई आर दर्ज की गई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन तीनों एफआई में 62 धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए। अतिरिक्त महानिरीक्षक निरीक्षकके नेतृत्व में 19 सदस्यों की एक एसआईटी भी बनाई गई है। टीम में ईडी और एक्साइज विभाग के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं ताकि मामले की विस्तृत जांच भी की जाए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जांच के दौरान 64 हार्ड डिस्क और 12 मोबाइल फोन को भी एसएफएल भेजा गया। जांच में पाया गया कि 41479 डिग्रियां मानव भारती विश्वविद्यालय की हैं जिनमें से 36424 फर्जी हैं। मानव भारती एजुकेशन ट्रस्ट के सभी खातों को अटैच कर लिया गया। इसके अलावा ट्रस्ट के नाम से जमीन भी अटैच की गई है। ईडी ने 194.17 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया है। राज कुमार राणा की पत्नी और बेटी के लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिए हैं। मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
राजकुमार राणा के 191 बैंक खाते अटैच किए गए हैं और 199 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है। 2016 में प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन ने भी मानव भारती विश्वविद्यालय को आदेश जारी कर सभी डिग्रियों की जानकारी वेबसाइट पर डालने के आदेश दिए थे। उस समय इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।