

इसमें रोचक बात है कि खाना तैयार करने के लिए सारा अनाज डेरे की तरफ से लगाया जा रहा है। इसमें सरकारी या किसी अन्य व्यक्ति से मदद नहीं ली जा रही है। अब तक इन डेरों में पांच सौ ज्यादा प्रवासी पहुंच भी चुके हैं। कोरोना फैलने के बाद सरकार ने सभी फैक्ट्रियों को बंद कर दिया है। इस समय राज्य में 15 अप्रैल तक लॉकडाउन के साथ कर्फ्यू भी लगा है। ऐसे में इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों के लिए खाने पीने का संकट पैदा हो गया था। कुछ मजदूरों ने पैदल ही अपने घरों को पलायन करने की कवायद शुरू कर दी थी।
इस कवायद को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने क्वारंटीन सेंटर तैयार किए, ताकि उन्हें वहीं रोका जा सके। लुधियाना में राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के लगभग 12 डेरे हैं। इन सभी में रहने की सुविधा दे दी गई है। इन 12 डेरों में डेरा प्रबंधकों की तरफ से 18 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था कर दी गई है।
दिव्य ज्योति और निरंकारी मिशन भी जुटा सेवा में
कोरोना के चलते आम लोगों को मुसीबत की इस घड़ी में दिव्य ज्योति और निरंकारी मिशन भी सेवा में जुट चुका है। निरंकारी मिशन के लुधियाना शहर में चार डेरे हैं। इन सभी डेरों में 2600 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। यहां आने वाले लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी डेरे की तरफ से की जा रही है। इसी तरह दिव्य ज्योति के हरनामपुरा आश्रम में चार सौ लोगों के ठहरने और खाने की व्यवस्था हो चुकी है। प्रशासन की तरफ से कैनाल रोड पर आसा राम बापू के आश्रम में एक हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।