शिमला। राजधानी अब पैदल चलने वालों के लिए भी सुरक्षित नहीं। खस्ता हो चुके पैदल रास्ते जानलेवा साबित होने लगे हैं। बरसात शुरू होने से पहले ही पैदल रास्ते धंस रहे हैं। ज्यादातर सड़कें सील्ड होने के कारण पैदल चलना लोगों की मजबूरी भी है। बीते दिन भी विक्ट्री टनल के पास देर शाम फुटपाथ ढहने से दो युवक चालीस फीट से ज्यादा गहरी खाई में जा गिरे। दोनों आईजीएमसी में उपचाराधीन हैं।
शहर में रेलवे स्टेशन से मुख्य बस अड्डे और रिपन अस्पताल से लिफ्ट तक सड़क किनारे बने फुटपाथ का लेंटर दो दर्जन से अधिक जगह पर टूटा हुआ है। लोनिवि ने कुछ जगह टीन, लकड़ी के फट्टे, लोहे की शीट बिछाकर जिम्मेदारी निभाने की रस्म तो अदा कर दी है, पर लोगों के सिर से खतरा टला नहीं है। विक्ट्री टनल से ताराहाल स्कूल के बीच बने फुटपाथ की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है।
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रेलवे स्टेशन से लिफ्ट तक सैकड़ों लोग चलते हैं पैदल
दो दर्जन से अधिक जगह पर टूटा हैं फुटपाथ का लेंटर
लाइट की उचित व्यवस्था नहीं, राम का नाम लेकर चलते हैं लोग
सालों से नहीं की गई इस पैदल रास्ते की मरम्मत का काम
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हादसे के लिए कौन है जिम्मेदार?
पैदल रास्तों की मरम्मत और रखरखाव का काम नगर निगम का है। चूंकि सड़क लोनिवि की है, तो इसके साथ बने पैदल रास्ते की मरम्मत का कार्य भी विभाग ही देख रहा है। इसलिए हादसे के लिए लोनिवि को ही जिम्मेदार माना जाएगा। लोनिवि ने सालों पहले बने दो किलोमीटर के फुटपाथ की मरम्मत महज कामचलाऊ ही की।
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हादसे के बाद जागा लोनिवि
हादसे के बाद लोनिवि डिविजन नंबर एक के एक्सईएन दीपक राज ने टीम के साथ मौके का दौरा किया। रविवार को टूटे पैनल पर लेंटर डालने का कार्य भी शुरू कर। कार्ट रोड के फुटपाथ पर जहां भी लेंटर टूटा है, उसकी मरम्मत करवाने का विभाग दावा कर रहा है। जहां भी लेंटर टूटा है, वहां रस्सी लगाकर रास्ता बंद भी कर दिया है।
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टारिंग के चलते इसी से गुजर रहे थे लोग
शिमला। शनिवार शाम को हादसे के समय मुख्य सड़क पर टारिंग का काम चल रहा था जिससे रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाले लोगों की पूरी भीड़ इसी रास्ते से गुजर रही थी। लेंटर के कच्चा होना और इस पर अधिक भार होना भी हादसे का कारण माना जा रहा है।