अल्मोड़ा। प्रदेश के पेयजल और विद्यालयी शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि चार वर्षों में प्रदेश में पेयजल समस्या का निदान कर लिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने कार्ययोजना तय कर ली है। पर्वतीय जिलों में 52 लिफ्ट योजनाओं को मंजूरी दे दी गई है। सूखे जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए 2200 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है।
नंदादेवी मंदिर परिसर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री नैथानी ने कहा कि सरकार ने पेयजल प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण कराया है। पेयजल समस्याग्रस्त जिलों में अल्मोड़ा पहले नंबर पर, पौड़ी दूसरे, पिथौरागढ़ तीसरे और टिहरी का कुछ हिस्सा चौथे नंबर पर है। इन जिलों की पेयजल समस्या के समाधान के लिए प्राथमिकता से काम हो रहा है। अल्मोड़ा में कोसी नदी में बैराज का निर्माण जल्दी शुरू होगा। पर्वतीय जिलों में 123 नई लिफ्ट योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। इनमें से 52 योजनाओं को मंजूरी दे दी गई है। राज्य में 382 जल स्रोत पूरी तरह सूख चुके हैं। सूखे जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए 2200 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। इसके तहत धारों, नौलों का भी संरक्षण किया जाएगा।