पेड़ों को नुकसान पहुंचाया, लगा 22 लाख जुर्माना

बहुचर्चित बेम्लोई बिल्डर मामले में एक निजी कंपनी ने शिमला में 23 पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है। नगर निगम ने मामले की जांच पर कंपनी पर 22,73,018 रुपये का जुर्माना लगा दिया है।

पेड़ों को नुकसान पहुंचने संबंधी मामले में नगर निगम की वन शाखा ने मौके का मुआयना किया। इस आधार पर उन्होंने पाया कि तीन पेड़ काटे गए हैं। 20 पेड़ों को सीमेंट में चिनवा दिया गया। इस कारण वे सूख गए हैं।

इस रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम ने निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ 22,73,018 रुपये की डैमेज रिपोर्ट काटी है। यह कार्रवाई निजी कंपनी के जीएम और प्रोजेक्ट मैनेजर के समक्ष हुई। इसकी पुष्टि वन मंडलाधिकारी इंद्र कुमार ने की है।

भाजपा शासनकाल में बैम्लोई कंस्ट्रक्शन कंपनी के हाउसिंग प्रोजेक्ट पर खूब हल्ला हुआ था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को अपनी चार्जशीट में रखा था। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही इस पर कार्रवाई शुरू हो गई।

मौजूदा समय में जिला प्रशासन भी इस प्रकरण पर जांच कर रहा है। वन से जुड़ा मसला जांच के लिए नगर निगम को सौंपा गया। यह वन क्षेत्र नगर निगम की परिधि में आता है।

कांग्रेस चार्जशीट में आरोप है कि नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त ने 24 घंटे के भीतर इस प्रोजेक्ट को अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर साबित किया था कि सरकार की इसमें कितनी दिलचस्पी है।

हिमाचल के हितों को गिरवी रखकर काम करने वाली कंपनी को सरकार लगातार क्लीन चिट देने में लगी रही। आरोप लगा कि प्रोजेक्ट मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए शिमला के तत्कालीन उपायुक्त के मार्फत पैसा जारी हुआ। वहां पेड़ काटने को लेकर बवाल मचा।

कांग्रेस चार्जशीट में आरोप है कि शिमला के घने जंगलों में बहुचर्चित बैम्लोई बिल्डर्स के समीप 1,50,00,000 करोड़ रुपये की जमीन का सौदा हुआ। यह सौदा हमीरपुर के एक भाजपा नेता ने किया। यह भूमि सौदा लंदन निवासी लीना ढींगरा की जीपीए की मार्फत हुआ।

खरीददार ने इसका भुगतान डिमांड ड्राफ्ट नंबर (002594, 11 मार्च, 2011, एचडीएफसी नई दिल्ली) से लीना ढींगरा को किया। इस जमीन का मूल्यांकन, नव निर्माण एवं एसोसिएट्स अमृतसर ने किया। इसमें गवाह के तौर पर जमीन खरीद में कंवरदीप सिंह, सिडार विला, नवबहार, शिमला का नाम और पता लिखवाया गया है।

धर्मेंद्र कुमार (हमीरपुर) कृषक हैं, लेकिन इस खरीद में पैसा दिल्ली से लंदन भेजा गया और मूल्यांकन अमृतसर में करवाया। गवाह कंवरदीप सिंह है। इस जमीन सौदे का बैम्लोई बिल्डर्स से क्या नाता है? पृष्ठभूमि में कौन है? इसकी जांच जिला प्रशासन के अलावा विजिलेंस भी कर रही है।

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