पुरोहित मेरे पिता समान, मैंने इस्तीफे के लिए मजबूर नहीं किया : सीएम मान

पुरोहित मेरे पिता समान, मैंने इस्तीफे के लिए मजबूर नहीं किया : सीएम मान

पंजाब सरकार के साथ लगातार विवाद के कारण चर्चा में रहे बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा मंजूर हो गया है। इसके बाद रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पूर्व राज्यपाल को इस्तीफे के लिए मैंने मजबूर नहीं किया, बल्कि वो मेरे पिता समान हैं। उनके साथ मेरी कोई निजी लड़ाई नहीं थी। सिर्फ सिलेक्टेड और इलेक्टेड के दायरे को लेकर ही मनमुटाव था।

मान ने रविवार को सीएम आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह जब भी राज्यपाल से मिलते थे, तो उनके पांव छूते थे। पद छोड़ रहे राज्यपाल ने पंजाब सरकार के सुचारू कामकाज में बेवजह रुकावट पैदा करने की कोशिश की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल ने बजट सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं दी थी और बाद में मंजूरी देने के लिए सत्र को अवैध करार दिया था। इस सब के खिलाफ उनको सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा।

केंद्र सरकार गैर-भाजपा शासित सरकारों को गिराने में कसर नहीं छोड़ रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ऐसा होना अनुचित है, लेकिन दुर्भाग्य से राज्य में यह सब हो रहा है। आजादी और लोकतंत्र दोनों खतरे में हैं, क्योंकि केंद्र सरकार गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों को परेशान करके उन्हें गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है और केंद्रीय एजेंसियों तक को उनकी आवाज बंद करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। मान ने कहा कि नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया 31 जुलाई को राज्यपाल के पद की शपथ लेंगे। इस दौरान वह उनका स्वागत करेंगे और पंजाब की तरक्की के लिए उनके साथ मिलकर काम करेंगे। मान ने कहा कि मैं आशा व्यक्त करता हूं कि वह सरकार और राज्यपाल पद दोनों के सांविधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगे।

पत्नी नहीं लड़ेंगी चुनाव

सीएम मान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जालंधर वेस्ट उपचुनाव में सभी की तरफ से प्रचार किया गया और उसमें उनकी पत्नी डाॅ. गुरप्रीत कौर भी शामिल थीं, लेकिन प्रचार का मतलब यह नहीं है कि उन्हें चुनाव लड़ना है। अभी ऐसा कोई इरादा नहीं है। मैं और मेरा परिवार हमेशा जनता की सेवा में मौजूद है।

विवाद के साथ हुई पुरोहित की विदाई

पूर्व राज्यपाल पुरोहित की विदाई विवाद के साथ ही हुई। उन्होंने बॉर्डर दौरे में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि मुख्यमंत्री मान उन्हें पसंद नहीं करते, इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया था, जो स्वीकार नहीं हुआ। यही कारण है कि मैं वापस अपने काम पर लग गया। इस पर मान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। सीएम ने कहा था, ‘मैं जालंधर गया तो मेरे डीजीपी व चीफ सेक्रेटरी साथ नहीं थे। तब पता चला कि वह राज्यपाल के साथ बॉर्डर पर गए हैं। वह मेरी आधी सरकार लेकर चले जाते हैं, लेकिन फिर भी मुझसे नाखुश रहते हैं। मेरी उनसे निजी तल्खी नहीं है।

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