नोएडा। सिटी बसों के नए रूट शुरू करने की योजना में बसों की कमी बाधा बन गई है। घाटे में चल रहे रूटों को बदलकर नए रूट शुरू करने के लिए हाल ही में कराए गए सर्वे का कोई फायदा नहीं मिला है। नतीजतन रोडवेज प्रबंधन ने पुराने रूटों से छेड़छाड़ न करने का निर्णय लिया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर दौड़ रही सिटी बसें रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही हैं। सिटी बस सेवा को मुनाफे में लाने के लिए रूटों में संशोधन करने की योजना मई में तैयार की गई थी। इसके तहत एक सर्वे शुरू किया गया था जो अब पूरा कर लिया गया है। इस दौरान नए रूट तो चिह्नित किए गए, लेकिन पुराने रूटों से बसें कम करने की हिम्मत रोडवेज प्रबंधन नहीं जुटा पा रहा है। दरअसल, सर्वे के तहत प्राधिकरण और शहर के आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों के लोगों से भी संपर्क साधा गया था। लोगों की स्पष्ट हिदायत है कि जो रूट संचालित हो रहे हैं उनमें किसी प्रकार का संशोधन न किया जाए। नया रूट जरूर शुरू किया जा सकता है। ऐसे में रोडवेज प्रबंधन के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं, क्योंकि रूट में संशोधन किया नहीं जा सकता और नए रूट शुरू करने के लिए अतिरिक्त बसों की जरूरत होगी, इसलिए हाल फिलहाल के लिए प्रबंधन ने रूटों में बदलाव करने का फैसला टाल दिया है।
इन रूटों पर बसों की दरकार
सेक्टर 7, 23, 26, 27, 28, 29, 31, 33, 40, 41, 46, 47, 48, 63, 65, 67, 70, 72, 73, 82, 85, 90 और 110 सहित कई सेक्टरों को परिवहन सेवा से जोड़ने की जरूरत है।
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सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन नए रूटों पर बसें चलाना मुश्किल है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा डिपो में बसों की संख्या बढ़ने के बाद ही नए रूट शुरू हो पाएंगे।
– अतुल त्रिपाठी, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपीएसआरटीसी