पिता की हत्या में बेटे को आजीवन कारावास

दिल्ली। वृद्ध माता-पिता अपने बच्चों से सेवा व सुरक्षा की अपेक्षा करते हैं। अगर बेटा ही उनके जीवन का शत्रु बन जाए तो वे सुरक्षित नहीं रह सकते। पिता की हत्या के मामले में उसके बेटे प्रेम सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए रोहिणी अदालत ने यह टिप्पणी की। साथ ही स्पष्ट किया कि उसे 20 वर्ष से पहले किसी भी प्रकार की राहत प्रदान करने पर विचार न किया जाए। इसी मामले में लिप्त कमल किशोर व मनोज कुमार को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने तीनों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।
डॉ. कामनी लॉ की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला हत्या के अन्य मामलों से अलग है। इसमें प्रेम सिंह ने 67 वर्षीय पिता होशियार सिंह की मात्र इस कारण हत्या कर दी, क्योंकि उनके बीच संपत्ति विवाद था। यह विडंबना है कि प्रेम ने पिता की उस समय हत्या की, जब उन्हें पुत्र की सबसे ज्यादा जरूरत थी। अगर वृद्ध पिता अपने ही घर में व बेटे के साथ सुरक्षित नहीं है तो किसी अन्य स्थान पर कैसे सुरक्षित रह सकता है। अदालत ने कहा कि प्रेम सिंह का मामला दुर्लभ श्रेणी में आता है, इसलिए उसे मृत्युदंड तो नहीं दिया जा सकता लेकिन आजीवन कारावास के रूप में कम से कम 20 वर्ष सजा भुगतने तक उसे कोई राहत प्रदान करने पर विचार न किया जाए। बता दें कि 10 सिंतबर 2009 को आदर्श नगर निवासी प्रेम सिंह ने दो साथियों के साथ मिलकर वृद्ध पिता की हत्या कर दी थी। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में यह साबित कर दिया वह पहले भी कई बार पिता की पिटाई कर चुका था और सरेआम उसे हत्या की धमकी दी थी।

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