पांगी (चंबा)। जनजातीय क्षेत्र पांगी में पांच माह बाद भी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड नहीं बन पाए हैं। इससे लोगों को सरकार की बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बिना स्मार्ट कार्ड के ग्रामीणों का अस्पतालों में मुफ्त इलाज नहीं हो रहा है। जनजातीय क्षेत्र में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ने स्मार्ट कार्ड बनाने की बात कही थी। उस दौरान बर्फबारी के कारण टीम पांगी नहीं पहुंच पाई। इससे विभाग को कार्ड बनाने की तारीख को आगे खिसकाना पड़ा। विभाग ने कई बार जल्द स्मार्ट कार्ड बनाने की बात की लेकिन अभी तक स्मार्ट कार्ड नहीं बन पाए हैं। इससे प्रशासन के खिलाफ घाटी के लोगों में रोष पनपना शुरू हो गया है।
पांगी के राम सिंह, लेखराज, वीर सिंह और विनोद शर्मा ने बताया कि घाटी में स्मार्ट कार्ड बनाने का कार्य आरंभ नहीं हो पाया है। इससे गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले लोगों को दिक्कतें पेश आ रही हैं। बीमार ग्रामीणों को क्षेत्रीय अस्पताल से बैरंग लौटना पड़ रहा है। गत वर्ष बने स्मार्ट कार्डों की तिथि बीते वर्ष दिसंबर माह में खत्म हो चुकी है। विभाग के प्रयासों के बाद भी कार्ड बनाने का कार्य आरंभ न होने से घाटी के लोग परेशान हैं। घाटी की विकट भौगोलिक परिस्थितियां भी इसकी राह में रोड़ा हैं। पांगीवासियों का कहना है कि बेशक जनजातीय क्षेत्र स्थित अस्पताल में बीपीएल परिवारों को कुछ दवाइयां मुफ्त दी जाती हों, घाटी के लोगों का स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमा न होना हैरानी का विषय है।
ग्रामीण विकास अभिकरण के जिला परियोजना अधिकारी राम प्रसाद शर्मा ने माना कि घाटी में स्मार्ट कार्ड नहीं बनाए गए हैं। ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में उन्होंने शिमला में उच्चाधिकारियों से बात की है। जल्द ही स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए टीम पांगी को भेजी जाएगी।