पलायन के लिए कहीं यात्रा इतिहास छिपाया, कहीं लक्षण के बावजूद लौटे गांव-घर

श्रीनगर
श्रीनगर
आतंकवाद से जूझ रहे कश्मीर में अब कोरोना कहर बरपाने लगा है। घाटी में 29 मरीज सामने आ चुके हैं, जबकि  दो की मौत हो गई है। हालत यह है कि शनिवार को एक ही दिन तेरह मामले  आ गए।

दरअसल, महामारी के अलावा प्रशासन और कुछ लोगों की लापरवाही ने भी घाटी के बाशिंदों की जान संकट में डाल दी है। कहीं यात्रा इतिहास छिपाया गया, तो कहीं कोरोना लक्षण के बावजूद विदेश से आए लोगों को उनके घर-गांव जाने दिया।

अस्पताल से लौट आए एक मरीज से श्रीनगर के अलावा बांदीपोरा, बेमिना और जम्मू संभाग के राजोरी तक संक्रमण पहुंच गया। इस वृद्ध मरीज की मौत हो गई है लेकिन इसके संपर्क में आए एक दर्जन लोग अब पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।

श्रीनगर में ही कोरोना मरीज के संपर्क में आने से उसके सात साल और आठ माह के दो पोते भी संक्रमित हो गए हैं। इससे पहले कोरोना को हल्के में लेते हुए विदेश से आए लोगों को बिना जांच के ही जाने दिया गया।

सऊदी अरब से लौटीं श्रीनगर की एक 67 साल की महिला घर पहुंचने के दो दिन बाद पॉजिटिव पाई गई। ऐसे और भी कई मामले हैं, जिनकी अब तलाश की जा रही है।

नहीं संभल रहे लोग
हालात नाजुक हैं पर लोग अभी भी नहीं संभल रहे हैं। आदेशों का पालन न करने पर सौ से ज्यादा पर कार्रवाई हो चुकी है। क्वारंटीन में 60 लोग अस्पताल से भाग गए थे, जिन्हें वापस लाया गया है। बीते दिन श्रीनगर अस्पताल में मरीजों ने तोड़फोड़ भी की है। सामजिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ रही हैं।

अस्पताल से जाने दिया मरीज
हैदरापुरा में 65 वर्षीय बुजुर्ग 21 मार्च को स्किम्स अस्पताल लाया गया। मरीज की ओपीडी पर्ची के अनुसार मरीज को तेज बुखार, छाती में दर्द के साथ सूखी खांसी थी। इसके बावजूद उसे भर्ती नहीं किया गया। चार दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई और एक दिन बाद उसकी मौत हो गई। खुलासे के बाद अब मंडलायुक्त कश्मीर ने जांच बिठा दी है।

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