पंचायत में होते तो मनरेगा से काम करवा लेते

शिमला। मल्याणा के लोग नगर निगम में शामिल होने से खुश नहीं। ये दोबारा पंचायत में शामिल होना चाहते हैं। कहते हैं कि पंचायत में आने के बाद मनरेगा के तहत कुछ विकास कार्य तो वार्ड में करवा ही लेंगे। मल्याणा वार्ड में अधिकतर जगहों के लिए पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ता है। पानी की सप्लाई तीसरे दिन महज आधे घंटे के लिए मिलती है। भवनों के नियमित नहीं होने के चलते पानी के कनेक्शन कामर्शियल हैं। सीवरेज कनेक्टिविटी न होने से वार्ड में पसरी गंदगी से बीमारियां फैलने का खतरा है। बसें भी पर्याप्त नहीं।
मल्याणा के तहत गोरखू लॉज, फ्लावरडेल, धोबीघाट, नवबहार, मल्याणा, बखराई, बलाई, शनान, हाउसिंग बोर्ड कालोनी, शांगटी और जाखा का क्षेत्र आता है। 1996 में इन क्षेत्रों को नगर निगम में मिलाया गया। 2002 से 2007 तक क्षेत्र को नगर निगम से वापस लेकर साडा के तहत डाला गया। 2007 में दोबारा क्षेत्र नगर निगम में मिला दिया। लेकिन क्षेत्र की जनता नगर निगम में आने से उत्साहित होने के बजाय खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
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इन हालात में तो कोई नहीं देगा टैक्स : कुलदीप
मल्याणा के पार्षद कुलदीप ठाकुर ने कहा कि वार्ड में एक साल में विकास की योजनाएं तो बनीं पर बजट नहीं मिला। वार्ड में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। हाउसिंग बोर्ड कालोनी से धोबीघाट को जोड़ने के प्रति निगम अंजान बना हुआ है। एमसी पानी की लाइन तक नहीं बिछा पा रहा। हिमुडा की लापरवाही से सारा मलबा सड़क पर गिर रहा है। हाउसिंग बोर्ड कालोनी में सीवरेज लाइन तो बिछाई लेकिन कनेक्टिविटी नहीं दी। जब कोई सुविधा ही नहीं दी जा रही तो लोगों को किस आधार पर टैक्स देने के लिए कहूं।

सेट बैक अपने नाम पर करे एमसी
मल्याणा के शिव देव सिंह चौहान कहते हैं कि सेट बैक की जमीन एमसी के नाम नहीं होने से फुटपाथ नहीं बन पा रहे हैं। स्ट्रीट लाइटों के अभाव में लोग ठोकरें खा रहे हैं। वन टाइम सेटलमेंट जल्द लानी चाहिए।

बावड़ियों का पानी पीना मजबूरी
मल्याणा के पूर्व प्रधान भूपेंद्र कंवर कहते हैं कि क्षेत्र की पानी स्कीम पंचायत के समय की है। अब आबादी बढ़ गई है। एमसी यहां पर सप्लाई देने को राजी नहीं है। लोग बावड़ियों का पानी पीने को मजबूर हैं।

वार्ड के लिए पर्याप्त नहीं बसें
मल्याणा के रूप राम कहते हैं कि यातायात व्यवस्था ठीक नहीं है। जो बसें यहां आती हैं, वो पर्याप्त नहीं है। यहां पर न तो अन्य वार्डों की तरह एचआरटीसी टैक्सी की सुविधा है और न ही बसों की।

जल संकट से जूझना पड़ रहा
हाउसिंग बोर्ड रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन संजौली के प्रधान एनएल बरौटा कहते हैं कि क्षेत्र के डेढ़ सौ परिवार जल संकट से जूझ रहे हैं। पानी का प्रेशर कम है, तीसरी मंजिल तक नहीं पहुंचता।

दस साल से नहीं ली सड़क की सुध
हाउसिंग बोर्ड कालोनी के आरएस चौहान ने बताया कि क्षेत्र में बीते दस साल से सड़क की मरम्मत नहीं हुई है। क्षेत्र को बसाने के समय एक बार टारिंग हुई थी। उसके बाद किसी ने यहां की सुध नहीं ली।

सर्व मंगल में यहां तो कोई नहीं आया
शनान के अनिल कुमार, राजकुमारी और मल्याणा के अशोक कुमार, भूपेंद्र ठाकुर ने बताया कि नगर निगम की सर्व मंगल योजना के तहत उनके वार्ड में अभी तक कोई भी अफसर नहीं आया है। समाचार पत्रों से अन्य वार्डों में अफसरों के जाने की सूचना मिलती है। हमारे वार्ड में विकास तो दूर यहां सर्व मंगल योजना के तहत समस्याएं जानने भी कोई नहीं आया। नगर निगम के दफ्तर में जाएं तो आश्वासन की घुट्टी मिलती है।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी खुद क्यों नहीं पीते
मल्याणा में लगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लोगों को बीमार कर रहा है। लोगों का कहना है कि पानी को ढंग से ट्रीट नहीं किया जाता। इसी से पीलिया फैलता है। अगर पानी इतना ही साफ है तो सबसे पहले यह पानी आईपीएच के अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों को सप्लाई होना चाहिए।

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