
मंडी। प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला मंडी औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित नहीं हो पाया है। आज तक जिले में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ है। सियासी दलों ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। नगवाईं में वाइन फैक्टरी लगाने की योजना भी सिरे नहीं चढ़ी। जबकि द्रंग में पिछले दो साल से नमक की खान बंद पड़ी है।
प्रदेश के सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, ऊना जिला औद्योगिक क्षेत्र में विकसित हुए हैं। इन जिलों में कई औद्योगिक इकाइयां स्थापित होने से करोड़ों निवेश हुआ है। लेकिन, प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिले मंडी में आज तक एक भी बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ है। लोगों को आस थी कि जिले में उद्योग लगने से क्षेत्र का विकास होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन ऐसा न हो सका।
जिले के नगवाईं में वर्ष 2001 में वाइन फैक्टरी लगाने का शिलान्यास किया। इस उद्योग को लगाने के लिए उद्यान विभाग की 55 बीघा भूमि भी मुहैया करवाई गई, लेकिन आज तक वाइन फैक्टरी स्थापित नहीं हो पाई। उधर, द्रंग नमक खान भी पिछले दो साल से बंद पड़ी है। फोरेस्ट क्लीयरेंस न मिलने के कारण दोबारा उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है। वोट के लिए सियासी दल भी औद्योगिक क्षेत्र के मसले पर सिर्फ सियासत करते रहे, लेकिन हकीकत में एक भी उद्योग स्थापित नहीं हो सका। बल्ह क्षेत्र के रती को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाई।
नगवाईं क्षेत्र के महेश शर्मा, ठाकुर दास, देवराज, आशीष, मंडी निवासी अंशुल कुमार, जीत राम, विक्रम, भूप सिंह, सुनील शर्मा, सुरजीत कुमार, दिनेश, सागर आदि का कहना है कि मंडी जिला औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पिछड़ा हुआ है। किसी भी सियासी दल ने आज तक जिले में औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।