
त्यूनी। धर्म की आड़ में जौनसार बावर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल महासू मंदिर हनोल में फिर से पशु बलि शुरू हो गई है। पिछले एक सप्ताह में मंदिर परिसर में ही चोरी छिपे कई बकरों की बलि दी जा चुकी है। स्थानीय प्रशासन सब कुछ जानने के बाद भी मूकदर्शक बना हुआ है। उधर, पीपुल फोर एनिमल की सदस्य सचिव गौरी मौल्खी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर तत्काल प्रभाव से बलि प्रथा पर रोक लगाने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी त्यूनी से स्पष्टीकरण तलब किया है। पूर्व तक महासू मंदिर हनोल में पशुबलि दी जाती थी। वर्ष 2010 में तत्कालीन उपजिलाधिकारी ईला गिरी, मंदिर समिति और कुछ बुद्धिजीवियों की पहल के बाद मंदिर परिसर में पशु बलि पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। इस पहल की विभिन्न संगठनों ने सराहना की था, लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों ने धर्म की आड़ में मंदिर परिसर में फिर से बलि प्रथा शुरू करवा दी है। पीएफए की सदस्य सचिव गौरी मौल्खी ने कहा कि हाईकोर्ट ने किसी भी धार्मिक स्थल पर पशुबलि पर सख्ती से रोक लगाई हुई है। मंदिर समिति के सचिव मोहनलाल सेमवाल का कहना है कि समिति के सहयोग से ही पशुबलि पर रोक लग सकी थी, लेकिन फिर से कुछ लोग धर्म की आड़ में पशु बलि को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम का कहना है कि एसडीएम चकराता को हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए निर्देश दिया है। एसडीएम को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।