
जुब्बल (शिमला)। बागवानी तकनीकी मिशन के तहत बागवानों को अनुदान की राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। दो साल से जुब्बल ब्लाक में 466 बागवानों के आवेदन उद्यान विभाग के ब्लाक कार्यालय में पड़े हैं। बागवानों को सरकार की इस योजना का समय पर लाभ नहीं मिल रहा है।
बागवानी तकनीकी मिशन के तहत कृषि बागवानी उपकरणों की खरीद पर बागवानों के लिए सरकार ने 50 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान रखा है। जुब्बल ब्लाक में वर्ष 2011 से लेकर अभी तक लाखों का भुगतान उद्यान विभाग ने इस योजना के तहत बागवानों को करना है। कई सालों से सरकार की ओर से इसके लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। इसलिए आवेदन करने वाले लोगों की सूची बढ़ती जा रही है। इस ब्लाक में पावर टिलर पर अनुदान के विभाग के पास 19 नवंबर 2011 से अभी तक 49 आवेदन पहुंच चुके हैं। एक आवेदन में 30 से 70 हजार तक भुगतान होना है। उद्यान विभाग कार्यालय में सबसे अधिक आवेदन पावर स्प्रेयर के लंबित पड़े हैं। 14 जून 2011 से अभी तक करीब चार सौ आवेदन पावर स्प्रेयर के पहुंच चुके हैं। ग्रास कटर के भी 17 आवेदन नवंबर 2011 से विभाग के पास जमा हैं। सरकार ने एंटी हेलनेट के लिए भी 80 प्रतिशत अनुदान का ऐलान कर दिया है। लेकिन, विभाग के कार्यालय में इसकी अधिसूचना तक उपलब्ध नहीं है। एंटी हेलनेट की अधिसूचना जारी हुई तो उद्यान विभाग की देनदारी फिर बढ़ने वाली है। परिणाम स्वरूप बागवानी व खेतीबाड़ी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना का आवेदन के बाद समय पर बागवानों को लाभ नहीं मिल रहा है। उद्यान विकास अधिकारी जुब्बल केएन शर्मा का कहना है कि सभी मामले उच्च अधिकारियों की जानकारी में हैं। बजट उपलब्ध होने पर क्रमवार बागवानों को अनुदान का भुगतान किया जा रहा है।