देश की जनता जाग चुकी, अभी नहीं तो कभी नहीं: अन्ना

ऋषिकेश। प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा आयोजित जनतंत्र प्र्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षु स्वयंसेवकों को शिविर के उद्देश्यों के बारे में बताया। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को चार दिवसीय शिविर के नियम कायदे बताए गए।
सोमवार को प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन का समाजसेवी अन्ना हजारे ने दीप प्रज्जवलित कर विधिवत शुभारंभ किया। उन्हाेंने शिविरार्थियों से अहिंसात्मक तरीके से भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने की अपील की। उन्होंने स्पष्टरूप से कहा कि जनतंत्र प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किसी को रोजगार दिलाने अथवा राजनीति करने के लिए नहीं किया जा रहा है। शिविर का उद्देश्य देश को आजादी दिलाना है।
अन्ना ने कहा कि जिन सपनों को लेकर आजादी की लड़ाई में हजारों क्रांतिकारियों ने कुर्वानी दी, देश आजाद भी हुआ मगर, सही मायने में देश को अभी आजादी नहीं मिल पाई। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले गोराें (अंग्रेजों) का राज था, अब काले लोग आ गए हैं।
अन्ना ने कहा कि अब सही समय आ गया है जब भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर देश की जनता जागी हुई है। जरूरत है जागृत लोगों को सही राह दिखाने की। इसके लिए प्रशिक्षुओं की खुद की बेदाग छवि और उनका संस्कारवान, धैर्यवान होना आवश्यक है। तभी लोग उनकी बातों पर विश्वास करेंगे।
लोगों को जागरुक करने का काम बहुत कठिन है। इसमें लोग हिंसा के लिए उकसाते हैं, ऐसी स्थिति में प्रशिक्षु को किसी गलत सुझाव पर अमल करने और किसी से उलझे बिना ही अपना लक्ष्य साधना है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को विश्वास दिलाया कि वह दिन भी जरूर आएगा जब देश में भ्रष्टाचार की जड़ें समाप्त हो जाएंगी। तब ईमानदारी से लोगों को जागरुक करने वाले कार्यकर्ताओं का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। कहा अब नहीं तो कभी नहीं, उन्होंने कार्यकर्ताओं से देशहित में जुट जाने की अपील की।
इस अवसर पर मुख्यरूप से डा. मनीष, नवीन चौहान, सुरेश शर्मा, अभिषेक सिंघल, नवीन कौशिक मौजूद थे।
इंसेट
कैसे हो व्यवस्था परिवर्तन बताना अनिवार्य
ऋषिकेश। प्रथम दिवस शिविरार्थियों को शिविर के कायदे बताए गए। वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारती ने चार दिनी शिविर में शामिल होने आए कार्यकर्ताओं को व्यवस्था परिवर्तन पर अनिवार्यरूप से लेख देने को कहा। कहा कि शिविर में हिंसा और राजनीतिक दल बनाने जैसे किसी विषय पर कोई बहस नहीं की जाएगी। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों द्वारा दिनभर की गतिविधियों से क्या सीखा उक्त विषय पर आधारित पांच सौ शब्दों का लेख लिखकर प्रतिदिन अन्ना के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। उनके विचारों के आधार पर ही अन्ना टीम के सिपाही चुने जाएंगे।

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