दुराचार के दोषी को सात साल कठोर कारावास

मंडी। दुराचार का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक दोषी को सात साल के कठोर कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर दोषी को एक साल अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जबकि दोषी से प्राप्त होने वाली राशि को पीड़िता के पक्ष में अदा किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एससी कैंथला के न्यायालय ने जिला कुल्लू तहसील आनी के गढ़शाला निवासी सुनील कुमार पुत्र कृष्ण के खिलाफ भादसं की धारा 376 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली पीड़िता अपने मामा, मामी और आरोपी के साथ सुधराणी गांव में रहती थी। फरवरी 2011 में आरोपी ने पीड़िता के साथ दुराचार किया और उसे इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। अगस्त 2011 में पीड़िता अपने स्कूल से घर लौटी तो उसने अपनी माता को पेट में दर्द की शिकायत बताई। जब उसके परिजन उसे अस्पताल में ले गए तो चिकित्सकों ने बताया कि उसे पांच माह का गर्भ है। ऐसे में परिजनों के पूछताछ करने पर पीड़िता ने उन्हें आरोपी के बारे में बताया। जिस पर परिजनों के साथ पीड़िता ने बालीचौकी पुलिस को इसकी सूचना दी। औट थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जेके लखनपाल ने अदालत में 19 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवा कर मामले को साबित किया। सजा की अवधि पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि आरोपी का यह पहला अभियोग होने के कारण नरम रुख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से कड़ी सजा की मांग की गई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने गंभीर अपराध किया है जिससे पीड़िता को गर्भ धारण हो गया और उसे आरोपी के अवांछित बच्चे की मां बनने पर मजबूर होना पड़ा। ऐसे में आरोपी के प्रति नरम रुख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।

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