पाकिस्तान की तरफ से हथियार, कारतूस और ड्रग्स के पैकेट लेकर पंजाब (Punjab) में आने वाले ड्रोन की संख्या एकाएक बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से ड्रोन आने की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।

दस जनवरी को पठानकोट में पकड़ी थी हेरोइनपंजाब पुलिस और बीएसएफ ने तरनतारन के सीमावर्ती एरिया से 5.92 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी। यह हेरोइन पाकिस्तान से भेजी गई थी। पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग तीन केस दर्ज किए थे। पिछले मंगलवार की सुबह ही बीएसएफ जवानों ने गांव नौशहरा ढाला के पास दो किलो 110 ग्राम हेरोइन बरामद की थी। पाकिस्तानी तस्करों ने पीले रंग के टेप में लिपटे चार पैकेट भारतीय सीमा में फेंके थे। बीएसएफ ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बीएसएफ प्रवक्ता के
मुताबिक 10 जनवरी की सुबह सीमा पर धुंध के बीच जवान गश्त कर रहे थे। इस बीच जवानों ने फेंसिंग के पास कुछ गिरने की आवाज सुनी। तुरंत जवानों ने तस्करों पर फायरिंग की लेकिन पाकिस्तानी तस्कर धुंध का फायदा उठा अंधेरे में कहीं गायब हो गए। जवानों ने इलाके को घेरकर सर्च अभियान शुरू किया तो जवानों को पीले रंग की टेप में लिपटे चार पैकेट मिले।
पठानकोट: करोड़ों की कीमत के नशीले पदार्थों को भट्ठी में झोंका
पठानकोट पुलिस की ड्रग डिस्पोजल कमेटी ने मंगलवार को करोड़ों रुपये के नशीले पदार्थों को भट्ठी में झोंक दिया। एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख के नेतृत्व में बनी दो कमेटियों ने अमृतसर की खन्ना पेपर मिल की भट्ठियों में उक्त नशे को भस्म किया। पुलिस ने यह नशीले पदार्थ 12 मामलों में जब्त किए थे। एसएसपी ने बताया कि नशीले पदार्थों के निपटारे के लिए दो टीमों का गठन किया गया था। इसमें पहली हाइलेवल टीम ने 10 किलो 20 ग्राम हेरोइन को भट्ठी में डाला। इसके अलावा, दूसरी टीम ने 1864 किलोग्राम भुक्की, 3.87 किलोग्राम चरस, 10 ग्राम हेरोइन, 1.57 किलो नशीला पाउडर और 4090 नशीले कैप्सूलों को भट्ठी में डालकर स्वाहा किया।
तस्करों पर इस तरह शिकंजा कस रही बीएसएफ
सीमा सुरक्षा बल ने तकनीक की मदद लेने के अलावा मैनुअली भी तस्करों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कई बार घनी धुंध के बीच ड्रोन नजर नहीं आता। ऐसे में तस्कर, हथियार और ड्रग्स के पैकेट हासिल करने में कामयाब हो जाते थे। बीएसएफ ने अब उन सभी रास्तों पर अपनी टीम लगा दी हैं जहां से तस्कर, बॉर्डर की तरफ आते हैं। इसका यह फायदा हुआ है कि कोई ड्रोन जो बीएसएफ की नजर में नहीं आया हो, और वह तस्करों के हाथ लग गया हो, तो उस स्थिति में बीएसएफ की टीमें उन तस्करों को पकड़ सकती हैं।
बीएसएफ ने बॉर्डर के आसपास उन सभी रास्तों का एक मैप तैयार किया है, जहां से कोई व्यक्ति बॉर्डर की तरफ आ सकता है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बीएसएफ के रेजिंग डे से पहले कहा था कि कुछ माह में पाकिस्तान की तरफ से लगभग दो सौ ड्रोन पंजाब की सीमा में आ चुके हैं। तस्करों ने बीएसएफ के पास मौजूद हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर (एचएचटीआई) तकनीक को गच्चा देने का प्रयास किया है। तस्कर या आतंकी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर, अपने शरीर पर भीगी हुई बोरी लपेट लेते हैं। इससे उनके शरीर का तापमान नीचे चला जाता है और वे एचएचटीआई की पकड़ में आने से बच जाते हैं। बॉर्डर के निकट वे रेंग कर चलते हैं, ताकि एचएचटीआई में किसी इंसान की इमेज की बजाए जानवर की छवि दिखाई पड़े।