भारत उद्योग संघ के हिमाचल इकाई के अध्यक्ष चिरंजीव ठाकुर ने कहा कि फार्मा के लिए इस बजट में कोई भी घोषणा नहीं हुई है। दवा उद्योग कोरोना में भी उत्पादन करते रहे और लोगों को समय पर दवाई पहुंचाते रहे।

केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योग को रिसर्च और इनोवेशन प्रोग्राम का ही सहारा मिला। छोटे उद्योगों को कोरोनाकाल में जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई की उम्मीद पूरी नहीं हो पाई। छोटे दवा उद्योगों को उम्मीद थी कि कोरोना काल में उन्हें जो नुकसान हुआ था, उसकी नए बजट में कुछ भरपाई होगी। कोविड के समय में कांट्रेक्ट सप्लाई न करने पर पेनल्टी वापस करने की घोषणा, ई समाधान में केवाईसी के प्रावधान का सरलीकरण, लाइसेंस के लिए डिजिटल लॉकर की घोषणा, माइक्रो इंडस्ट्री के लिए कर्ज की सीमा बढ़ाने की घोषणा और तीन करोड़ तक के टर्नओवर वाले एमएसएमई को टैक्स में राहत देने का स्वागत किया है।
भारत उद्योग संघ के हिमाचल इकाई के अध्यक्ष चिरंजीव ठाकुर ने कहा कि फार्मा के लिए इस बजट में कोई भी घोषणा नहीं हुई है। दवा उद्योग कोरोना में भी उत्पादन करते रहे और लोगों को समय पर दवाई पहुंचाते रहे। कच्चा माल महंगा होने के बावजूद भी नुकसान उठाकर छोटे उद्योगों ने सभी आर्डर पूरे किए, लेकिन इस बजट में दवा उद्योगों को निराशा ही हाथ लगी। हिमाचल दवा निर्माता संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि दवा उद्योगों में रिसर्च और इनोवेशन के लिए बजट मुहैया कराया गया है जो अच्छी बात है लेकिन इसके अलावा दवा उद्योगों के कुछ नहीं हुआ।
आम बजट में हिमाचल के हाथ फिलहाल खाली
केंद्र सरकार के आम बजट में हिमाचल प्रदेश के हाथ फिलहाल खाली हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए इस वार्षिक आम बजट 2023-24 में हिमाचल प्रदेश से संबंधित एक भी योजना घोषणा नहीं की है। हालांकि, केंद्र सरकार कई नई योजनाएं शुरू करने जा रहा है। सुक्खू सरकार के अपने बजट में इसी की झलक नजर आएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय बजट में हिमाचल की अनदेखी पर नाराजगी जताई है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ऐसी कई योजनाओं को गिना रहे हैं, जिनका लाभ हिमाचल को होगा।
केंद्रीय बजट में स्पष्ट रूप से हिमाचल प्रदेश का नाम लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई है। हालांकि आयकर में रियायत की सीमा को पांच से बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसका हिमाचल प्रदेश को जरूर लाभ होगा। राज्यों को 50 वर्षीय ऋण को वर्ष 2023-24 के अंदर पूंजीगत व्यय पर खर्च करने, राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे की अनुमति देने और विद्युत क्षेत्र के प्रभार को इसमें जोड़ने समेत कई योजनाओं का हिमाचल को भी लाभ होगा। इसके अलावा किसानों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों समेत तमाम वर्गों के लिए लागू योजनाओं का भी हिमाचल प्रदेश लाभ उठा सकता है। भाजपा के नेता सफाई दे रहे हैं कि इस तरह से हिमाचल प्रदेश के लिए भी कई ऐसी योजनाओं का फायदा होने वाला है, जिनका पूरे देश को लाभ होगा। इसके अलावा राज्यों के लिए टैक्स का हिस्सा भी इस बार वित्तायोग की सिफारिश से ज्याद मिलने की उम्मीद है।