

सरकार और जिला प्रशासन के आदेशानुसार दवा निर्माता इकाइयों के साथ साथ फूड प्रौद्योगिकी इकाइयों को लॉकडाउन और कर्फ्यू में उत्पादन करने की छूट दी गई है। कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र में भी जिला उपायुक्त ने उन्हीं दवा या ़फूड प्रॉसेसिंग उद्योगों को चलाए जाने की अनुमति दी है। बाहरी राज्यों से आने वाले कामगारों का प्रवेश पूर्णतया बंद किया गया है। कालाअंब में चल रहे उद्योगों के अधिकतर कामगार हरियाणा राज्य से होकर आते हैं।
कर्फ्यू के बाद अब बाहरी राज्य से किसी भी तरह की आवाजाही पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। जिसके कारण उद्योगों का उत्पादन नाममात्र रह गया है। उद्योगपति इसको लेकर चिंतित हो गए हैं। इधर, अन्य उद्योगों पर पूरी तरह से ताले लटक गए हैं। मजदूरों को छुट्टी दे दी गई है। उधर, उद्योगों में हो रहे उत्पादन की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। ऐसी स्थिति में यदि कोई दवा निर्माता नियमों को दरकिनार करके दवा निर्माण करता है तो उसकी गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठता है।
एक समस्या से निपटने के लिए कहीं दूसरी किसी समस्या का सामना न करना पड़े। इस बात की भी चौकसी रखने की आवश्यकता है। दवा निरीक्षक ललित कुमार ने बताया कि कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र में जो दवा उद्योग उत्पादन कर रहे हैं उनकी जांच की जा रही है। शुक्रवार को भी कालाअंब क्षेत्र की दवा इकाईयों का निरीक्षण किया गया। सैनिटाइजर बनाने वाली इकाइयों की गुणवत्ता परखने के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं।
कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र में जिन दवा बनाने वाली इकाइयों में काम चल रहा है उनकी जांच की गई है। सुनिश्चित किया गया कि कंपनी में आने जाने वाले कर्मचारियों के लिए सैनिटाइजर, मास्क इत्यादि की क्या व्यवस्था करें। विभाग उद्योगों पर बराबर नजर रखे हुए है। योगेंद्र सिंह, थाना प्रभारी कालाअंब।