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आपदा की स्थिति में लोगों को तत्काल मदद देने के लिए अब बहुमंजिली इमारतों की छत पर हेलीकॉप्टर उतारे जाएंगे। अग्निशमन विभाग की यह योजना उस स्थिति से निपटने के लिए जहां हाइड्रोलिक सीढ़ी छोटी पड़ जाती है।
योजना के तहत आगजनी एवं भूकंप की स्थिति में बचाव कार्य के लिए कमांडो दस्ता ट्रेंड किया जाएगा। हेलीकॉप्टर रेस्क्यू संबंधी कार्य योजना को अमली जामा पहनाने के लिए जुलाई के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में बैठक होगी।
दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि आगामी पांच साल में यहां 300 मीटर तक बहुमंजिली इमारतें बनेंगी। विकास प्राधिकरणों के पास ऐसे कई प्रस्ताव भी आ चुके हैं।
ऐसे में भविष्य में दैवीय आपदाओं और भूकंप सहित कृत्रिम आपदाओं से निपटने को लेकर अग्निशमन विभाग ने होम वर्क शुरू कर दिया है।
हेलिकाप्टर रेस्क्यू संबंधित कार्य योजना को लेकर 21 अप्रैल 2013 को भारत सरकार के महानिदेशक नागरिक उड्डयन विभाग, अपर पुलिस महानिदेशक अग्निशमन सेवा और नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, दिल्ली के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आदि की बैठक प्रस्तावित थी।
अब यह बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में महानिदेशक नागरिक उड्डयन की अध्यक्षता में बुलाई गई है। जिसमें इस महत्वपूर्ण योजना पर मुहर लगेगी। प्रपोजल के अनुसार 75 मीटर से ऊंची इमारत बनाने वाली कंपनी सबसे ऊपरी मंजिल पर हलीपैड बनाएगी।
मुंबई में है हैलीकाप्टर रेस्क्यू की व्यवस्था
देश में सिर्फ मुंबई में हैलीकाप्टर रेस्क्यू की व्यवस्था हाल ही में की गई है। अग्निशमन विभाग के प्रपोजल से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ सहित पूरे एनसीआर को फायदा होगी। हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के एक दस्ते में 25 कमांडो होंगे। उन्हें आपदा से निपटने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
प्रपोजल तैयार, स्वीकृति का इंतजार
आगामी पांच साल में एनसीआर में 300 मीटर ऊंची बहुमंजिली इमारतें बननी हैं। ऐसे में आगजनी एवं भूकंप के दौरान राहत कार्य मुहैया कराने के लिए हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। योजना के अनुबंध को लेकर महानिदेशक नागरिक उड्डयन, अपर पुलिस महानिदेशक अग्निशमन सेवा एवं विभिन्न प्राधिकरणों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के बीच बैठक जुलाई में होना संभावित है।