
भराड़ी (घुमारवीं)। घुमारवीं उपमंडल के तहत घंडालवी पंचायत के कामली गांव में तेंदुए के हमले से घायल दो वर्षीय बच्ची की मौत हो गई है। इससे इलाके में मातम का माहौल है। 14 नवंबर को तेंदुआ दो वर्षीय शगुन को उठाकर ले गया था। कुछ दूर उसे तेंदुए से छुड़ा लिया गया, लेकिन वह गंभीर घायल हो गई थी। इतने लंबे समय तक जिंदगी और मौत से जूझते-जूझते उसके प्राण पखेरू उड़ गए। इसी के साथ इलाके में आदमखोर तेंदुए के हमले में दम तोड़ने वाले बच्चों की संख्या चार हो गई है। आदमखोर तेंदुए के आतंक से लोग अभी भी सहमे हुए हैं।
14 नवंबर को कामली गांव में घात लगाकर बैठा तेंदुआ शगुन को घर के आंगन से उठाकर ले गया था। उस दौरान उपचार के लिए शगुन को जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। जहां उसका उपचार चल रहा था। शगुन के पिता सुरेश कुमार ने बताया कि 14 नवंबर से 15 दिसंबर तक शगुन का इलाज पीजीआई में चलता रहा। 15 दिसंबर को शगुन को डाक्टरों ने घर भेज दिया। सुरेश कुमार ने बताया कि डाक्टरों ने शगुन को दो फरवरी को चेकअप के लिए बुलाया था, किंतु इससे पहले ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिस कारण वह शगुन को तुरंत जिला अस्पताल ले गए। जहां फिर उसे पीजीआई रेफर किया गया। वहां पर उसका इलाज चल रहा था, लेकिन चार फरवरी की शाम फिर तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई। कामली गांव के सुरेश और निशा कुमारी की शगुन ही एकमात्र औलाद थी। मंगलवार को शगुन का अंतिम संस्कार किया गया। उधर, डीएफओ डीआर कौशल ने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि आदमखोर तेंदुए से निजात दिलाने के लिए विभाग हर तरह से कोशिश कर रहा है। साथ ही जो ट्रैप कैमरा वहां पर लगाए गए हैं, उनमें भी एक भारी भरकम तेंदुए की मौजूदगी का पता चला है। आदमखोर तेंदुए को मारने के आदेश लोकल शूटरों को दे दिए गए हैं। सात फरवरी से प्रोफेशनल शूटरों की टीम फिर घाटी पहुंच जाएगी। पीड़ित परिवार को पहले ही 25 हजार रुपये दिए गए हैं। 75 हजार रुपये और मंजूर किए गए हैं।