तांदी-जम्मू मार्ग यातायात को बहाल

उदयपुर (लाहौल-स्पीति)। शीत मरुस्थल लाहौल घाटी के तांदी से किस्तवाड़-जम्मू सड़क मार्ग यातायात के लिए बहाल हो गया है। घाटी में जनजीवन पटरी पर आते ही और जम्मू की ओर से मार्ग बहाल होते ही आतंकी घटनाओं की आशंका देखते हुए पुलिस और आईटीबीपी जवानोें ने सुरक्षा घेरा भी कस दिया है। शुक्रवार को सीमा सड़क संगठन के अथक प्रयासों के बाद लाहौल घाटी, तांदी-किस्तवाड़ के रास्ते जम्मू मार्ग से जुड़ गई।
चंबा के साथ सटे जम्मू-कश्मीर तक करीब 216 किलोमीटर लंब इस बार्डर एरिया पर हिमाचल पुलिस और आईटीबीपी के जवान भी तैनात हैं। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए पहचान पत्र जरूरी कर दिए हैं। दूसरी ओर समुद्रतल से 13050 फुुट ऊंचे रोहतांग दर्रा के बहाल होने में अभी लंबा समय लग सकता है। इस मार्ग के बहाल होने पर देश की हिफाजत को सीमाओं तक रसद, गोला बारूद और अन्य सामग्री पहुंचाने में भारतीय सैनिकाें को काफी आसानी होगी। लाहौल-स्पीति के एसपी सुनील कुमार ने बताया कि लाहौल में आने वाले हर प्रवासी मजदूर का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। बताया कि रोहतांग दर्रा बहाल होते ही सर्दियों में सिस्सू शिफ्ट पुलिस चौकी को कोकसर में अपना कार्य शुरू कर देगी। उदयपुर थाना और तिंदी चौकी को राहगीरों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। एसपी चंबा बीएम शर्मा ने बताया कि चंबा से सटे जम्मू-कश्मीर के बार्डर एरिया पर हिमाचल पुलिस का कड़ा पहरा है। इस ओर से आने-जाने वाले यात्रियों को अपने साथ पहचान पत्र लाना जरूरी है। बिना पासपोर्ट के सीमा पार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 38 बीआरटीए के कमांडर कर्नल योगेश नायर ने तांदी-जम्मू मार्ग बहाल होने की पुष्टि की है।

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