तमन्ना है आसमान को छूकर आऊं

नैनीताल। 450 सीटर बोइंग ट्रिपल सेवन विमान से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान भरने वाली उत्तराखंड की पहली महिला पायलट क्षमता वाजपेयी का कहना है कि ‘स्काई इज द लिमिट आफ फ्लाइंग’। आसमान की ऊंचाईयों को छूने की तमन्ना रखने वाली इस महिला का प्रदेश सरकार के लिए सुझाव है कि सूबे में एयर फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल की शुरूआत की शुरूआत की जाए।
होटल मनु महारानी में एक भेंट में पिथौरागढ़ के चंडाक की रहने वाली क्षमता का कहना है कि दिल्ली में पढ़ाई के दौरान एनसीसी ज्वाइन करने पर उनकी महिलाओं के लिए असंभव समझे जाने वाले विमान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की इच्छा पैदा हुई। जिसके बाद उन्होेंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड्डयन अकादमी रायबरेली में प्रशिक्षण प्राप्त किया। 1990 में उन्हें कामर्शियल पायटल का लाईसेंस मिला।
उनका कहना है कि एयर फोर्स में नौकरी करने की तमन्ना थी, लेकिन पारिवारिक कारणों से वह इसमें नहीं जा सकीं। 1996 में एयर इंडिया में पायलट रहीं तथा 7 वर्ष पूर्व कमांडर वाजपेयी आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विमान संचालन कमांडर हैं। उनके पति सुशील वाजपेयी पैलाग्लाइडर हैं तो 18 वर्षीय पुत्र मेहुल वाजपेयी भी इंग्लैंड से पैराग्लाइडिंग कर रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व में पुरुषों के मुकाबले महिला पायलटों की संख्या 6 फीसदी है जबकि इंडिया में यह 12 प्रतिशत है, जो एक गौरव की बात है। इस मौके पर भारत पांडे, राजेंद्र डोभाल आदि मौजूद थे।

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