
हिंदू रीति-रिवाजों से किए गए विवाह विदेशियों को न सिर्फ लुभा रहे हैं बल्कि कुछ विदेशी दंपति तो इसे दांपत्य संबंधों में तनाव से मुक्ति पाने का साधन भी मान रहे।
बृहस्पतिवार को रूस के दो शहरों से आए दंपतियों ने तनावग्रस्त दांपत्य से मुक्ति पाने के लिए हिंदू रीति-रिवाजों से पुनर्विवाह किया।
इससे पूर्व उन्होंने सूत के धागे तोड़कर ईसाई पद्धति से किए गए विवाह का मानसिक रूप से विच्छेद भी किया।
रूस के शहर टोम्स निवासी अलेक्जेंडर और उनकी पत्नी एनथीशिया और सेंट पीटर्सबर्ग निवासी नताशा व उनके पति सिमयोन ने बृहस्पतिवार को कनखल चौक बाजार के करीब यज्ञशाला में हिंदू पद्धति से विवाह रचाया।
दोनों युगलों ने पहले विवाह से मानसिक तलाक लेने के लिए मंदिर के सामने खड़े होकर सूत के धागे तोड़े। ज्योतिष में विधान है कि मानसिक तलाक लेने के बाद हिंदू पद्धति से पुनर्विवाह किया जा सकता है।
भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी निदेशक डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी ज्योतिष और योग का प्रचार करने रूस पहुंचे तो ये दोनों जोड़े दांपत्य जीवन में तनाव की समस्या लेकर उनके पास आए।
डॉ. मिश्रपुरी ने पाया कि अलेक्जेंडर मांगलिक हैं जबकि पत्नी एनथीसिया मांगलिक नहीं है। इसी प्रकार नताशा मांगलिक थी, उनके पति सिन्योन मांगलिक नहीं थे।
ज्योतिषीय गणना के आधार पर डॉ. मिश्रपुरी ने पाया कि उनके तनावग्रस्त जीवन का कारण मंगल है। उनके बताए अनुसार दोनों युगल नव विवाह के लिए तैयार हो गए और भारत पहुंचे।
भारत की ओर ला रहा तनावग्रस्त जीवन
पश्चिम का तनावग्रस्त जीवन पश्चिमी जगत के लोगों को भारत की ओर ला रहा है। आज जिन युगलों का विवाह कराया गया वे बेहद तनावग्रस्त थे। भारतीय ज्योतिष के आधार पर उनकी जन्मकुंडली बनाई गई और विवाह का नया मुहूर्त निकाला गया।