

इन सभी को उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने गांव जाना था। इन लोगों को यूपी रोडवेज की बसों के माध्यम से इनके गांव भेज दिया गया है। इनमें से काफी लोगों को गाजियाबाद के लाल कुआं भेज दिया गया था। वहां से बसें इन्हें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंचा रही हैं।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एके सिंह ने बताया कि शनिवार रात तक जो लोग कौशांबी बस डिपो में मौजूद थे, उन्हें रोडवेज की करीब 800 बसों से विभिन्न जिलों में भेजा गया है। उन्होंने बताया कि शनिवार देर रात कौशांबी बस अड्डे से बसों का संचालन रोक दिया गया था।
इसके बाद यहां से लोगों को गाजियाबाद के लाल कुआं भेजा गया था। गौरतलब है कि शनिवार को आनंद विहार बस अड्डे से लेकर कौशांबी बस अड्डे तक कई किलोमीटर तक लोगों की लाइन लग गई थी। ये सभी उत्तर प्रदेश में अपने-अपने गांव जाना चाहते थे।
अब लाल कुआं से भेजा जा रहा उनके गांव
गाजियाबाद के लाल कुआं से दिल्ली के प्रवासी कामगारों को बसों में बैठाकर उनके गांव की ओर रवाना किया जा रहा है। लाल कुआं पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशांबी बस अड्डे से रात के बाद बसों का संचालन रोक दिया गया था। रविवार सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक 600 बसों के माध्यम से करीब 40,000 लोगों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की ओर रवाना कर दिया गया है।
पैदल थक गए तो धौला कुआं पर डाला डेरा
कुछ के पास पैसों की कमी तो कुछ ऐसे भी थे यह चिंता सता रही थी कि कोरोना संक्रमण का सिलसिला अगर जल्द नहीं रुका तो फैक्ट्रियां बंद होने पर खाने पीने के भी मोहताज हो जाएंगे। हालांकि रास्ते में पुलिस ने बैरिकेटिंग के पास रोककर वापस भेजने की कोशिश भी की, लेकिन अपने घरों को जाने के लिए चल चुके कदम थमते हुए नहीं दिखे।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र निवासी पिंटू, कामेश्वर, संतोष और जितेन्द्र गुरुग्राम स्थित रियल एस्टेट कंपनी में काम कर रहे थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद काम बंद होने पर उन्हें खाने पीने की भी दिक्कत होने लगी। अमन ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे राजीव चौक से रवाना होने के बाद बस का इंतजार कर रहे थे। लेकिन बस नहीं मिली, इसलिए अब गाजियाबाद तक पैदल ही जाएंगे।
जांच के बाद ही जाने दिए जा रहे हैं वाहन
धौला कुआं पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मी गुरुग्राम की तरफ जाने वाले तमाम वाहनों की जांच के बाद ही आगे बढ़ने दे रहे थे। इस दौरान नियमों की अनदेखी करने वाले कुछ लोगों का चालान भी किया गया। एक ट्रैफिक कर्मी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान चेकिंग में और सख्ती बरती जा रही है। जिन्हें जरूरी काम है, उन्हें ही आगे जाने दिया जा रहा है, वरना वापस भेज दिए जा रहे हैं।