कांगड़ा। पूर्व संसदीय सचिव व कांग्रेस नेता सुरेंद्र काकू की सिफारिश पर शिक्षा निदेशक की ओर से टीजीटी मेडिकल शिक्षक के किए तबादले पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। शिक्षा निदेशक ने 18 मई को राजकीय हाई स्कूल स्कोट कांगड़ा में तैनात टीजीटी मेडिकल दविंद्र सिंह का तबादला ठाकुरद्वारा में तैनात टीजीटी मेडिकल चंद्रबाला के स्थान पर किया। कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के जलाड़ी गांव से संबंधित टीजीटी मेडिकल दविंद्र सिंह ने अप्रैल 2015 में नौकरी से सेवानिवृत्त होना है और मात्र दो साल पहले ही उनकी तैनाती स्कोट उच्च विद्यालय में हुई है।
दविंद्र ने अपने तबादला आदेशों को प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी। न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश कुलदीप सिंह की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार की ओर से निर्धारित तबादला नीति के तहत इस तबादले पर रोक लगा दी है। दविंद्र के तबादले को राजनैतिक द्वेष करार देते हुए न्यायाधीश ने प्रदेश सरकार के शिक्षा सचिव, एलीमेंटरी शिक्षा निदेशक , शिक्षा उपनिदेशक धर्मशाला व कांग्रेस नेता सुरेंद्र काकू को तबादले पर अपना पक्ष 15 जुलाई को उच्च न्यायालय में रिकार्ड सहित पेश होने के आदेश दिए हैं। उच्च अदालत ने दविंद्र को एक जून से स्कोट हाई स्कूल में ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा है।
तंबाकू धीमा जहर : न्यायाधीश मंडयाल
कांगड़ा। सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश अनुसार शुक्रवार को कांगड़ा कोर्ट परिसर में विश्व तंबाकू दिवस का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता न्यायाधीश प्रथम अभय मंडयाल ने की। उन्होंने कहा कि नशे की बुराई को दूर करने के लिए कई राज्य सरकारों ने गुटका, खैनी पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, जिसमें से हिमाचल प्रदेश भी एक है। उन्होंने कहा कि गुटका और खैनी इत्यादि की बिक्री प्रदेश में गैरकानूनी है। उन्होेंने कहा कि किसी स्कूूल या धार्मिक संस्थान के नजदीक 100 मीटर तक बीड़ी-सिगरेट बेचना व 18 साल से कम आयु के बच्चे को सिगरेट बीड़ी बेचना गैर कानूनी हैै। सार्वजनिक संस्थानों पर धूम्रपान करने वालोें को 200 रुपए तक जुर्माना करने का भी प्रावधान है। इस मौके पर एसएमओ डा. सतीश शर्मा, अधिवक्ता एसके धीमान ने भी अपने विचार रखे।