रुड़की। यदि किसी शोध में नकल की जाती है तो इसे टर्निंग साफ्टवेयर पकड़ लेगा। इस सॉफ्टवेयर के जरिये शोध की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा। आईआईटी रुड़की में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग की ओर से क्यूआईपी (गुणवत्ता अभिवृद्धि केंद्र) में ‘गुणवत्ता शोध कार्यों के लिए शोध तकनीक एवं साफ्टवेयर पर प्रयोग’ विषय पर चार दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें टर्निंग सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कोर्स कोआर्डिनेटर प्रो. एसपी सिंह और डीके नौटियाल ने शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के उपाय बताए। उन्होंने शोध की रूपरेखा पर भी प्रकाश डाला। बताया कि शोध के लिए बनाए गये टर्निंग सॉफ्टवेयर के कई लाभ हो सकते है। इसके जरिये पता लगाया जा सकता है कि शोधार्थी ने कहीं से नकल तो नहीं की है। साफ्टवेयर के जरिये शोध की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। इस अवसर पर दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, गाजियाबाद, देहरादून, जेपी नगर, अमृतसर आदि से आए प्रोफेसर और शोधार्थियों ने भाग लिया।