जिप की बैठक में आधे से ज्यादा बीडीओ नदारद

धर्मशाला। जिला परिषद की शुक्रवार को धर्मशाला में हुई बैठक में आधे से ज्यादा अधिकारी नदारद रहे। 15 विकास खंडों से महज छह बीडीओ की उपस्थिति से बैठक में खूब बवाल मचा। अधिकारियों की इस उदासीनता के चलते जिला परिषद सदस्यों ने एडीसी कांगड़ा से गैरहाजिर रहने वाले बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और उनसे जवाब तलब करने के लिए कहा। वहीं, 13वें वित्त आयोग के तहत बीते वर्ष जिला परिषद कांगड़ा को मिले 15 करोड़ में से अभी तक साढ़े सात करोड़ रुपए खर्च नहीं हो पाए हैं। जिले की पंचायतों में बजट का पचास फीसदी खर्च नहीं हो पाने से कांगड़ा जिला विकास कार्यों में फिसड्डी साबित हो रहा है। जिला परिषद कांगड़ा की अध्यक्ष श्रेष्ठा कौंडल ने जिला परिषद के साथ जुड़े सभी विभागों को आवंटित धनराशि को निश्चित समय अवधि में व्यय करने के निर्देश जारी किए।
अध्यक्ष ने बताया कि जिला परिषद में 13वें वित्तायोग के अंतर्गत 2 करोड़ 83 लाख रुपए की और राशि प्राप्त हुई है। इसे सदस्यों की आम सहमति पर प्रति सदस्य पांच-पांच लाख रुपए से विकास कार्याें में आवंटित करने का निर्णय लिया गया। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एडीसी कांगड़ा रोहन ठाकुर ने सभी सदस्यों से आह्वान किया कि सदस्य ग्रामीणों तथा पंचायतों से समन्वय स्थापित कर कार्ययोजनाओं को तैयार करवाएं। इस मौके पर सचिव जिला परिषद एवं जिला पंचायत अधिकारी राजेंद्र धीमान बैठक की कार्यवाही का संचालन करते हुए सभी सदस्यों से 13वें वित्त आयोग में आवंटित राशि के शेल्फ एक सप्ताह में आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार कर प्रेषित करने का आह्वान किया। बैठक में जिला परिषद के उपाध्यक्ष जगदेव ठाकुर, सदस्य अक्षय जसरोटिया, प्रेम सागर, सीमा, कामना चौधरी, ओंकार चंद, हरभजन सिंह सहित जिला परिषद के सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में विशेष रूप से जिला परिषद ऊना की अध्यक्ष रानी अग्निहोत्री, उपाध्यक्ष अवतार सिंह सहित सदस्य भी उपस्थित हुए।

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