
जम्मू कश्मीर में चुनाव नतीजों ने सपष्ट कर दिया कि कश्मीर घाटी में परिवारवाद का तिलिस्म बरकरार रहा। अब्दुल्ला परिवार के उमर अब्दुल्ला के गांदरबल और बडगाम दोनों सीटों से जीतने से परिवार की राजनीति में पैठ कायम रही। इससे पहले हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उमर को तगड़ा झटका लगा था।
वह बारामुला सीट से इंजीनियर रशीद से हार गए थे। इसी चुनाव में सज्जाद गनी लोन, महबूबा मुफ्ती सरीके नेता भी हार गए थे। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि घाटी में परिवारवाद के दिन अब लद गए हैं।
पीडीपी को विधानसभा चुनाव परिणाम ने जरूर झटका दिया है। महबूबा मुफ्ती का खुद को चुनाव और सीएम की दौड़ से किनारे रखने का पैंतरा काम नहीं आया। पार्टी के लिए प्रचार में उतरीं महबूबा परिवार की बिजबिहाड़ा सीट को ही नहीं बचा पाईं।
बेटी इल्तिजा के लिए महबूबा ने मजबूत किलेबंदी की, लेकिन मतदाताओं ने इसे आसानी से गिरा दिया। सुबह पहले रुझान से ही इल्तिजा मुफ्ती पीछे नजर आईं। एक बार भी नहीं लगा कि वह मुकाबले में हैं। नेकां के बशीर अहमद वीरी ने उन्हें 9770 वोट से हराया।