शिमला। पुलिस के रवैये के खिलाफ लक्कड़ बाजार के दुकानदारों जोरदार प्रदर्शन किया। आईजीएमसी और रिज मैदान की ओर जाने वाली सड़क पर दर्जनों दुकानदार बैठ गए और नारेबाजी की। सुबह दस बजे से चला प्रदर्शन दोपहर साढ़े बारह बजे पुलिस अधिकारी के आश्वस्त करने के बाद खत्म हुआ। दुकानदारों ने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी प्रभारी और यहां तैनात अन्य स्टाफ को बदलने की मांग की। शिमला शहर व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अश्वनी सूद के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। दुकानदार ओम प्रकाश, अनीश, श्यामा गुप्ता, राजकुमारी और पीड़ित दुकानदार के परिजन भी मौजूद रहे। एएसपी सौम्या ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर विवाद को शांत करवाया। दुकानदारों का आरोप था कि लक्कड़ बाजार पुलिस ने पहले बेटे की पिटाई और उसके बाद बचाव के लिए आए कारोबारी पिता की धुनाई कर डाली। चौकी ले जाकर पिता को मुर्गा तक बना डाला। दोनों को हिरासत में लेने के करीब 12 घंटे बाद अस्पताल में मेडिकल करवाया गया। पुलिस के आरोपों को गलत बताते हुए झूठा मुकदमा बनाने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने एफआईआर में दर्ज किया है किग्रिप और चाकू से होमगार्ड के जवानों पर हमला किया गया। जिस चाकू और ग्रिप की बात पुलिस कर रही है वह अभी बरामद नहीं हुए हैं।
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यह है पुलिस की दलील
पुलिस का कहना है कि रात करीब साढ़े ग्यारह बजे होमगार्ड के दो जवान लक्कड़ बाजार में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान 22 साल का अमित साइकिल पर वहां आया। इस पर होमगार्ड के जवान ने उसे रोका। अमित ने जवान पर ग्रिप से हमला किया। इसी बीच अमित के पिता अनिल दो-तीन लोगों के साथ वहां पहुंचे और अमित को वहां से भगा दिया। अमित का पीछा होमगार्ड के जवानों ने किया तो अमित ने उन्हें चाकू दिखा दिया। मामला लक्कड़ बाजार चौकी पहुंचा। दोनों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
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दुकानदारों का यह है आरोप
प्रदर्शनकारी दुकानदारों का आरोप है कि लक्कड़ बाजार के दुकानदार अनिल पिता-पुत्र अमित को पुलिस ने बेरहमी से पीटा। रात साढ़े तीन बजे इन दोनों को लक्कड़ बाजार चौकी से यह कहकर ले जाया गया कि अस्पताल में मेडिकल करवाना है लेकिन यहां से थाना सदर ले गए, वहां भी इन्हें पीटा गया। दोनों का मेडिकल वीरवार दोपहर एक बजे किया गया। पुलिस ने उन पर झूठा मुकदमा बनाया है।
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मामले की छानबीन के आदेश : एसपी
पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने कहा कि मामले की छानबीन के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदर्शनकारी दुकानदारों से बातचीत की गई है और उन्हें आश्वस्त किया गया है कि बारीकी से जांच की जाएगी।