
देहरादून। एसपी रुद्रप्रयाग की सूचना को गंभीरता से लिया गया होता तो आपदा में मरने वालों की संख्या कम हो सकती थी। एसपी रुद्रप्रयाग बरिंदर जीत सिंह ने 15 जून की सुबह ही रेंज के सभी जिलों को फैक्स कर सूचना भेजी थी कि गंगा किनारे बसे लोगों को ऊपरी स्थान पर जाने को कहा जाए। साथ ही उन्होंने केदारनाथ जिले में जाने वाले यात्रियों को रोकने के लिए ट्रेवल एजेंसियों को सूचित करने के निर्देश दिए थे।
16 जून को हुई जलप्रलय से पहले एसपी रुद्रप्रयाग ने मंदाकिनी का जल स्तर बढ़ा हुआ देखा तो उन्होंने 15 जून की रात ही रेंज के सभी जिलों पौड़ी, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और हरिद्वार के कप्तानों को फैक्स भेजा था। फैक्स में बताया गया था कि रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश हो रही है। कोई अप्रिय घटना हो सकती है। इसलिए सभी जिलों में मौजूद केदारनाथ आने वालों यात्रियों को वहीं पर रोक दिया जाए। उन्होंने फैक्स में यह भी लिखा था कि अलकनंदा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसलिए जो भी कस्बे या गांव नदियों के किनारे हैं, उन्हें तत्काल अस्थाई तौर विस्थापित किया जाए। इसके बाद एसपी रुद्रप्रयाग जिले के दौरे पर निकल पड़े।
16 जून को जब भारी बारिश हुई तो एसपी रुद्रप्रयाग ने दुबारा सभी जिलों को फैक्स किया कि रुद्रप्रयाग जिले के विभिन्न कस्बों में यात्रियों की काफी भीड़ हो चुकी है। इसलिए सभी जनपद अपने यात्रियों को वहीं सुरक्षित स्थानों पर रोक लें। लेकिन, अधिकारी इस चेतावनी की गंभीरता को समझने में चूक कर गए। डीआईजी गढ़वाल रेंज अमित सिन्हा ने बताया बारिश होते ही एसपी रुद्रप्रयाग ने फैक्सा किया था। हालांकि मैं उस दौरान निजी कार्य से छुट्टी पर था। लेकिन रेंज ऑफिस ने जरूरी एडवाइजरी जारी कर दी थी।
15 जून से ही बारिश होने लगी थी। 16 की सुबह हमें सूचना मिली कि केदारघाटी में भारी बारिश हो रही है। कई यात्री फंस गए हैं। सूचना मिलते ही फैक्स किया गया था। सभी जिलों से आग्रह किया गया कि वह अपने यहां यात्रियों को रोक लें।-वरिंदर जीत सिंह, एसपी रुद्रप्रयाग