देहरादून। क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू किए जाने से आहत आईएमए ने ‘सरकार’ को अगले चुनाव में देख लेने की चुनौती दी है। आईएमए अध्यक्ष डा. आलोक आहूजा और सचिव डा. मनीषा सिंह ने कहा कि जनविरोधी एक्ट सरकार वापस ले। जो पार्टी एसोसिएशन के आंदोलन का समर्थन करेगी अगले चुनाव में उसके हाथों को मजबूत किया जाएगा।
आईएमए अध्यक्ष डा. आहूजा और डा. सिंह ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में वैसे ही डाक्टरों की कमी है। निजी क्षेत्र के डाक्टर स्थिति संभाले हुए हैं, फिर भी उन्हें परेशानी में डाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्यूरोक्रेसी ने कमाई के चक्कर में एक्ट लागू करवाने में सारी ताकत लगा दी है। इसके अलावा कारपोरेट हॉस्पिटल इस एक्ट को लागू करवाना चाहते हैं जिससे निजी क्षेत्र के डाक्टरों की क्लीनिकें और नर्सिंगहोम बंद हो जाएं।
डा. आहूजा ने कहा कि आईएमए को राजनीतिक तौर पर मजबूत किया जाएगा। डाक्टर अपने मरीजों के साथ मिलकर राजनीतिक दलों को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे। उन्होंने कहा कि 18 जून को स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी से बात करने के बाद अगली रणनीति तैयार की जाएगी। डा. आहूजा ने कहा कि कोई भी डाक्टर इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराएगा।