चरण तीन से आखिर कब जलेंगे बल्ब

सैंज (कुल्लू)। पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण दो के निर्माण कार्य में हो रही देरी चरण तीन के बिजली उत्पादन पर भारी पड़ रही है। परियोजना चरण तीन विद्युत उत्पादन के लिए करीब तैयार हो चुकी है लेकिन चरण दो के निर्माण कार्य में देरी इस पर भारी पड़ रही है।
परियोजना प्रबंधन ने 31 मार्च को तृतीय चरण की एक टरबाइन चालू करने की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेल रहा द्वितीय चरण और विस्थापितों की हड़ताल ने एनएचपीसी प्रबंधकों के कदम रोक दिए। चरण दो में प्राकृतिक आपदाएं बाधा बनी हुई है। शिलागढ़ में टनल के निर्माण कार्य में देरी और सियूंड में पावर हाउस की ऊपर वाली पहाड़ी का धंसना मुसीबतें खड़ी कर रहा है। तृतीय चरण बनकर तैयार है लेकिन विद्युत उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
दरअसल चरण-दो से ही तृतीय चरण को पुलगा से पार्वती नदी का रुख मोड़कर पानी टनल से होकर सियूंड पावर हाउस तक पहुंचाया जाना है। यहां 520 मेगावाट के चरण तीन की टरबाइनों को घुमाया जाएगा। बरशैणी से सियूंड तक पानी लाने का रास्ता साफ हो चुका है। चरण तीन में फि लहाल सैंज नदी के पानी से परियोजना की एक टरबाइन को चलाकर 120 मेगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। परियोजना के चरण दो में चल रही उथलपुथल के कारण तृतीय चरण में बिजली उत्पादन का लक्ष्य लंबा खींच गया है। विस्थापितों की हड़ताल ने भी प्रबंधकों की परेशानी बढ़ा रखी है। परियोजना के महाप्रबंधक एके त्रिखा ने कहा कि विस्थापितों की हड़ताल खत्म होते ही तृतीय चरण में ट्रायल शुरू किया जाएगा।

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