
चंबा। मैहला ब्लाक की चड़ी पंचायत के उपप्रधान को गड़बड़ी के आरोप में न्यायिक हिरासत में रहने पर पंचायतीराज विभाग सस्पेंड करने की तैयारी में है। उसे विजिलेंस ने स्वजलधारा योजना में हुए काम में धन का गमन करने के आरोप में 22 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद सेे वह न्यायिक हिरासत में चल रहा है। हिरासत की अवधि दो सप्ताह पार होने के चलते पंचायतीराज विभाग उसे सस्पेेंड करने की तैयारी में है। फिलहाल उसे गड़बड़ी पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब उपप्रधान को सात दिनों के अंदर देना होगा। जवाब में उपप्रधान को स्थिति स्पष्ट करनी होगी। वहीं, उपप्रधान के न्यायिक हिरासत में 15 दिनों से ज्यादा रहने पर पंचायतीराज विभाग ने उपप्रधान को संस्पेड करने को लेकर भी कार्रवाई पूरी कर ली है। गौर रहे कि पंचायती राज एक्ट 1994 में 14 दिन से ज्यादा न्यायिक हिरासत में रहने वाले उपप्रधान या प्रधान को संस्पेड करने का प्रावधान है। इस वजह से पंचायती राज विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेज दिया है। हिरासत में समय अवधि एक्ट के मुताबिक पूरी होने पर अब उपप्रधान को संस्पेड किया जा सकता है। उपप्रधान को संस्पेड करने बारे पंचायती राज विभाग आने वाले दो दिन के अंदर आर्डर जारी कर सकता है। इससे पहले भी कुठहेड़ पंचायत की प्रधान को विभाग की ओर से रिश्वत लेने के आरोप में सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं, पंचायती राज विभाग के जिला पंचायत अधिकारी रमेश चंद कपूर ने बताया कि चड़ी के उपप्रधान का न्यायिक हिरासत में 14 दिन का समय हो गया है, ऐसे में उसे सस्पेंड किया जा सकता है। पहले विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसका जवाब जल्द से जल्द उपप्रधान को देना होगा। वहीं, एएसपी विजिलेंस कुलवंत ने उपप्रधान के न्यायिक हिरासत में होने की पुष्टि की है।