
चंडीगढ़
कोरोना को मात देने के लिए पीजीआई अब माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू (एमडब्ल्यू) वैक्सीन का ट्रायल कोरोना के मरीजों पर करने की तैयारी में है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की अनुमति भी मिल चुकी है। पीजीआई के डायरेक्ट प्रो. जगतराम ने बताया कि इस वैक्सीन का पूर्व में पीजीआई के पल्मोनरी सेप्सिस (फेफड़े से जुड़ी गंभीर बीमारी) के मरीजों पर सफल ट्रायल किया जा चुका है।
परिणाम संतोषजनक आए हैं इसलिए उम्मीद है कि कोरोना के इलाज में भी यह वैक्सीन कारगर साबित होगी। प्रो. जगतराम ने बताया कि इस वैक्सीन को कैडिला कंपनी बनाती है। ट्रायल के लिए वैक्सीन की डिमांड की जा चुकी है। ट्रायल के लिए सरकार ने पीजीआई के साथ एम्स दिल्ली व एम्स भोपाल को भी चुना है।
सीएसआइआर की भी महत्वपूर्ण भूमिका
प्रो. जगतराम ने बताया कि देशभर में तेजी से बढ़ते कोरोना के मरीजों पर काबू पाने के लिए व्यापक स्तर पर बचाव व राहत कार्य किया जा रहा है लेकिन तीव्र परिणाम नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में इसके इलाज की नई व्यवस्था इजात करना जरूरी हो गया है।
एमडब्ल्यू वैक्सीन को कोरोना के इलाज के लिए ट्रायल के रूप में प्रयोग किए जाने में सीएसआइआर की अहम भूमिका है। सरकार की तरफ से इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए संबंधित कंपनी और चुने गए चिकित्सा संस्थानों के बीच सीएसआईआर अहम कड़ी है, जिसकी पहल पर यह ट्रायल संभव हो सका है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में है कारगर
प्रो. जगतराम ने बताया कि एमडब्ल्यू वैक्सीन इम्युनो मोड्यूलेटर की श्रेणी में आती है। इसके प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कोरोना के मरीजों में कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस वैक्सीन की मदद से तेजी से मजबूत करने में मदद मिलेगी। वैक्सीन के ट्रायल के लिए कोरोना के ऐसे मरीजों का चयन किया जाएगा जिनको वेंटिलेटर पर रखा गया हो ताकि इसके प्रभाव का सही आंकलन किया जा सके।