हिमाचल में अब ग्रामीण क्षेत्रों में 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने मकान हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम के दायरे में आएंगे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने विधानसभा के मानसून सत्र में पारित हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी है। इससे पहले अधिनियम 2500 वर्ग मीटर में हुए निर्माण कार्यों पर लागू था। वहीं, राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 को भी स्वीकृति दी है। इसमें भी केंद्रीय प्रावधानों को अपनाने के लिए राज्य के अपने विधेयक में संशोधन किया गया है।
हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना संशोधन विधेयक 2024 में स्पष्ट किया गया है कि 2023 और 2024 की वर्षा ऋतु के दौरान राज्य में बड़े पैमाने पर जान-मान का नुकसान हुआ है। यह क्षति मुख्य रूप से नदियों में आई बाढ़ के कारण हुए कटाव और भूस्खलन से हुई है। भूस्खलन या इमारतों के ढहने की घटनाओं को कम करने के लिए यह जरूरी है कि जिस क्षेत्र में इमारतों का निर्माण किया जाता है, उस क्षेत्र की उचित जलनिकासी के साथ-साथ इमारत की मजबूत नींव और संरचना को सुनिश्चित किया जाए। यह तभी संभव है, जब इमारतों का निर्माण नगर एवं ग्राम योजना विभाग से मंजूरी के बाद किया जाए। इसी उद्देश्य की प्रतिपूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम 1977 को अधिसूचित योजना क्षेत्र और विशेष क्षेत्र के बाहर तक विस्तार देने की जरूरत है। इसी के लिए अधिनियम की धारा एक में संशोधन किया गया है। 1000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बनने वाले सभी भवनों और परियोजनाओं को टीसीपी कानून के मुताबिक ही बनाना होगा।