
परवाणू (सोलन)। पनेवा के जंगल में गोली लगने से करतार की मौत के मामले की जांच में कई पेंच हैं। पुलिस की तरफ से जारी ब्यानों से मामला उलझता जा रहा है। ग्रामीणों से पूछताछ का दौर तो जारी है, वहीं मौत की सूचना न देने वाले मौके पर मौजूद लोगों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? आखिर क्यों पुलिस को स्पॉट पर सूचना नहीं दी गई? संबंधित लोगों की इसके पीछे क्या मंशा रही होगी? यह कई सवाल पुलिस की प्रणाली को संदिग्धता के घेरे में ला रहे हैं।
वहीं जंगल में बंदूक की बरामदगी को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले पुलिस बरामद हथियार के बारे में कुछ भी बताने से गुरेज करती रही। बाद में बंदूक लाइसेंसशुदा बताते पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई। आखिर बंदूक की शिनाख्त में इतना समय क्यों लग गया? बंदूक के मालिक तक पुलिस अब तक क्यों नहीं पहुंची? ऐसे कई सवाल पुलिस की जांच में खड़े हो रहे हैं। दत्यार तक आरोपी घायल के साथ था और घायल की मौत के बाद वहां से गायब हो जाना भी कई सवाल खड़े कर रहा है। डीएसपी परवाणू निश्चिंत नेगी का कहना है कि पुलिस पारदर्शिता से छानबीन कर रही है। तफ्तीश को क्रास चैक भी किया जाता है। आरोपी के ब्यान पर ही मुकदमा आगे बढ़ता है। प्रारंभिक छानबीन में पुलिस पूछताछ और क्यासों पर भी काम करती है। उसके बिनाह पर सुबूत इकट्ठा करके पुलिस जांच आगे बढ़ाती है। इसमें किसी तरह की कोई कोताही नहीं हुई है। मुकदमा बंदूक के मालिक पर भी दर्ज होगा। यदि ग्रामीणों की कोताही हुई तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।