गुजरात से उत्तराखंड दस कदम पीछे

काशीपुर। पर्यटन से आय बढ़ाने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार को आइना दिखाने के लिए गुजरात के पर्यटकों के अनुभव काफी हैं। पर्यटक प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य से तो अभिभूत हैं लेकिन सड़कों ने उन्हें निराश किया। उनका कहना है कि छोटी सी दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं। इसके अलावा पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं। उन्होंने उत्तराखंड को विकास के मामले में गुजरात से दस गुना पीछे बताया है।
गुजरात के सूरत से आया पर्यटक दल थोड़ी देर काशीपुर में खाना खाने के लिए रामनगर रोड पर एक रिसोर्ट में रुका। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य, सड़कों की दशा और अन्य समस्याओं पर चर्चा की। सूरत के व्यवसायी रमेश भाई ने बताया कि वह अपने परिजनों के साथ मसूरी, नैनीताल व कौसानी घूमने आए थे। उत्तराखंड का नैसर्गिक सौंदर्य लाजवाब है। तभी रमेश की पत्नी पुष्पा बोलीं लेकिन सड़कें तो खस्ताहाल हैं। एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में घंटों लग जाते हैं। टूटे पैराफिट, संकरी और जर्जर सड़कें, पर्यटक सुविधा केंद्रों, पेट्रोल पंपों का अभाव टूरिस्टों को परेशान करता है। इसके अलावा टूरिस्ट फैसिलिटी के लिए राज्य की ओर से कोई इंतजाम नहीं हैं। पुष्पा के मुताबिक गुजरात में सड़कें इतनी बेहतरीन हैं कि एक शहर से दूसरे शहर का सफर चंद घंटों में पूरा हो जाता है। भरत ने बताया कि औद्योगिक विकास में उत्तराखंड पिछड़ा है। लोग यहां कृषि भूमि को बेचकर उद्योग लगा रहे हैं। जबकि गुजरात में यदि कोई किसान अपनी जमीन बेचता है तो उससे कई गुना अधिक कृषि भूमि राज्य में ही और कहीं ले लेता है। हालांकि पर्यटकों ने हिल स्टेशनों की सौंदर्यता की जमकर तारीफ कर कहा कि यहां के लोग ईमानदार हैं। यहां अन्य राज्यों की तरह लूट खसोट नहीं है।

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